रायपुर,

2014 में नरेन्द्र मोदी जब पहली बार देश के प्रधानमंत्री बने थे, तब उनका कहा एक वाक्य आपको याद होगा, जिसमें मोदी ने कहा था कि ” न खाऊंगा, न खाने दूंगा”। इस उद्बोधन के बाद इसके तमाम तरह के मतलब लोगों द्वारा निकाले गए। खैर, वो बात पिछली सरकार मोदी पार्ट-1 की हो गई।  यहां बात मोदी पार्ट-2 जिसे मोदी सरकार 2.o भी कहा जा रहा है, उसकी करते हैँ।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कई मौकों पर इस बात को दोहरा चुके हैं कि वो 18 घंटे काम करते हैं, बहुत कम सोते हैं, और वक्त के पाबंद हैं। लेकिन नरेन्द्र मोदी की ये सख्त दिनचर्या उनके साथ काम करने वाले तमाम अधिकारी और मंत्रियों के लिए मुश्किल बन जाती है। ताजा मामला मोदी द्वारा अपनी सरकार के मंत्रियों के लिए निर्धारित किए गए टाइम का है।

जिसमें नरेन्द्र मोदी ने एक कड़क प्रिंसिपल की तरह सख्त लहजे में अपने मंत्रियों को हिदायत दे डाली है कि रोजाना सुबह 9:30 बजे हरेक मंत्री अपने कार्यालय में उपस्थित हो जाए। जो टाइम पर नहीं आएगा उसको दंड दिया जाएगा। बीते बुधवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सभी मंत्रियों के लिए दफ्तर पहुंचने का समय सुबह 9:30 बजे निर्धारित किया है। तय समय से पहले दफ्तर पहुंचने की कड़ी हिदायत दी है। मोदी ने मंत्रियों को अपने घर में बैठकर काम करने से बचने को भी कहा है।

पीएम मोदी ने सभी मंत्रियों को संसद सत्र के 40 दिनों के दौरान हर सत्र में शामिल रहने का निर्देश दिया है।  उन्होंने सभी मंत्रालयों को पांच वर्षीय एजेंडा योजना के साथ आने और एक प्रभावशाली निर्णय लेने के लिए कहा है, जिसे सरकार के पहले 100 दिनों में लेने की आवश्यकता है। अपने संसदीय क्षेत्रों के प्रति मंत्रियों की जिम्मेदारी पर प्रकाश डालते हुए, पीएम ने उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों से नियमित रूप से मिलने की सलाह दी।

 

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