नई दिल्ली,

आखिरकार राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा दे दिया है। लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद से ही राहुल गांधी लगातार इस्तीफा देने पर अड़े थे, कांग्रेसी नेता उन्हें मनाने की कोशिश करते रहे। लेकिन राहुल टस से मस नहीं हुए लिहाजा आज इस्तीफे के नाटक का अंत हो गया।  पार्टी सूत्रों के मुताबिक नए अध्यक्ष की नियुक्ति तक वोरा यह पदभार संभालेंगे। हालांकि पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष बनाए जाने की रिपोर्टों पर जब मोतीलाल वोरा से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।

मोतीलाल वोरा (फाइल)

मोतीलाल वोरा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और उत्तर प्रदेश के गवर्नर भी रहे हैं। उन्हें UPA अध्यक्ष सोनिया गांधी का बेहद करीबी माना जाता है। वह पार्टी के सभी बड़े फैसलों में शामिल रहे हैं। राज्यसभा सांसद मोतीलाल वोरा फिलहाल कांग्रेस पार्टी के महासचिव (प्रशासन) के पद पर हैं। 

राहुल गांधी ने चार पेज का पत्र लिखकर कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है। राहुल गांधी ने इस्तीफा देने के बाद कहा कि, ‘कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के रूप में काम करना मेरे लिए सबसे बड़ा सम्मान।’ अपने पत्र में राहुल गांधी ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के नाते 2019 के चुनाव में मिली हार के लिए मैं जिम्मेदार हूं। हमारी पार्टी के भविष्य के लिए जवाबदेही बेहद जरूरी है।

यही कारण है कि मैंने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है। पार्टी को फिर से खड़ा करने के लिए कठोर फैसले और 2019 की हार के लिए बहुत से लोगों को जिम्मेदार ठहराने की जरूरत है। ऐसे में यह बिल्कुल भी न्यायोचित नहीं है कि मैं दूसरों को जिम्मेदार ठहराता रहूं, और पार्टी अध्यक्ष के तौर पर अपनी जवाबदेही को नजरअंदाज करता रहूं।’ राहुल गांधी ने लिखा, ‘पार्टी में मेरे बहुत से सहयोगियों ने सुझाया कि मैं अगले पार्टी अध्यक्ष को नामित करूं। जबकि जरूरी यह है कि कोई नया व्यक्ति हमारी पार्टी का नेतृत्व करे। ऐसे में मेरे द्वारा उस व्यक्ति को चुना जाना सही नहीं होगा। मुझे पूरा भरोसा है कि पार्टी इस बारे में उचित निर्णय लेगी कि अगला अध्यक्ष कौन होगा।’

NBT

जल्द हो अध्यक्ष का चुनाव 
राहुल गांधी ने जल्द से जल्द नया अध्यक्ष चुने जाने की प्रक्रिया शुरू करने को भी कहा। उन्होंने कहा, ‘इस्तीफे के तुरंत बाद, मेरे सहयोगियों को मेरा सुझाव है कि अगले अध्यक्ष का चुनाव जल्द हो। मैंने इसकी इजाजत दे दी है और पूरा समर्थन करने के लिए मैं प्रतिबद्ध हूं।’

बीजेपी के लिए कोई नफरत नहीं 
राहुल गांधी ने कहा कि उनकी लड़ाई कभी भी सत्ता के लिए साधारण लड़ाई नहीं रही। उन्होंने कहा, ‘मेरे मन में बीजेपी के खिलाफ कोई नफरत नहीं है, लेकिन मेरे शरीर का कतरा-कतरा उनके विचारों का विरोध करता है। यह आज की लड़ाई नहीं है। यह बरसों से चली आ रही है। वे भिन्नता देखते हैं और मैं समानता देखता हूं। वे नफरत देखते हैं, मैं प्रेम देखता हूं। वे डर देखते हैं, मैं आलिंगन देखता हूं।’

राहुल गांधी ने कहा, ‘मैं किसी भी रूप में इस युद्ध से पीछे नहीं हट रहा हूं। मैं कांग्रेस पार्टी का सच्चा सिपाही, भारत का समर्पित बेटा हूं। और अपनी अंतिम सांस तक इसकी सेवा और रक्षा करता रहूंगा।’ राहुल गांधी ने कहा, ‘हमने मजबूत और सम्मानपूर्वक चुनाव लड़ा। हमारा चुनाव अभियान भाईचारे, सहिष्णुता और देश के सभी लोगों, धर्मों और सम्प्रदायों को सम्मान करने को लेकर था। मैंने व्यक्तिगत तौर पर पीएम और आरएसएस के खिलाफ लड़ाई की। मैंने यह लड़ाई इसलिए लड़ी क्योंकि मैं भारत से प्यार करता हूं। और मैं भारत के आदर्शों के लिए लड़ा। मैंने अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से काफी कुछ सीखा है।’

संस्थानों पर उठाया सवाल 
राहुल गांधी ने कहा, ‘एक स्वतंत्र चुनाव के लिए सभी संस्थानों का निष्पक्ष होना जरूरी है। कोई भी चुनाव फ्री प्रेस, स्वतंत्र न्यायपालिका और पारदर्शी चुनाव आयोग के बगैर निष्पक्ष नहीं हो सकता है। और यदि किसी एक पार्टी का वित्तीय संसाधानों पर पूरी तरह वर्चस्व हो तो भी चुनाव निष्पक्ष नहीं हो सकता है। हमने 2019 में किसी एक पार्टी के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ा। बल्कि हमने विपक्ष के खिलाफ काम करने रहे हर संस्थान और सरकार की पूरी मशीनरी के खिलाफ चुनाव लड़ा है। यह सब पूरी तरह साफ हो गया है कि हमारे संस्थानों की निष्पक्षता अब बाकी नहीं है।देश के संस्थानों पर कब्जा करने का आरएसएस का सपना अब पूरा हो चुका है। हमारे देश का लोकतंत्र अब कमजोर हो रहा है। यह देश के लिए सबसे बड़ा खतरा है।’

राहुल गांधी ने कहा, ‘इस सत्ताधिकार का नतीजा यह होगा कि हिंसा का स्तर काफी ऊपर होगा और देश के लिए सिर्फ दर्द होगा। किसान, बेरोजगार युवा, महिलाएं, आदिवासी, दलित और अल्पसंख्यकों को सबसे ज्यादा भुगतना होगा। देश की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव और देश के सम्मान से समझौता होगा। पीएम मोदी की जीत का मतलब यह नहीं है कि उन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप भी धुल गए हैं। पैसे और झूठ की ताकत से सच की रोशनी को कमजोर नहीं किया जा सकता है।’

राहुल ने कहा, ‘पार्टी को बड़ी उपलब्धि हासिल करने के लिए बड़े परिवर्तन करने होंगे। आज बीजेपी पूरी प्रक्रिया के तहत भारत के लोगों की आवाज दबा रही है। कांग्रेस पार्टी की यह जिम्मेदारी है कि इसकी रक्षा करे। भारत कभी सिर्फ एक आवाज नहीं था और न ही होगा। यह हमेशा बहुत सी आवाजों का मिश्रण होगा। यही भारत माता का सच्चा एहसास है।’

राहुल गांधी ने अंत में लिखा, ‘भारत और देश से बाहर हजारों भारतीयों का शुक्रिया, जिन्होंने मुझे मेरे समर्थन में पत्र लिखे। मैं निश्चित तौर पर अपनी पूरी ताकत से कांग्रेस पार्टी के आदर्शों के लिए लड़ता रहूंगा। जब भी पार्टी को मेरी जरूरत होगी मैं मौजूद रहूंगा। ‘

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