जयपुर:- दिल्ली के सिविल लाइंस स्थित उदयपुर हाउस का कब्जा राजस्थान सरकार को मिलेगा। अब तक इस पर दिल्ली सरकार का कब्जा था। दिल्ली के सिविल लाइंस में स्थित 12 हजार वर्गमीटर में फैला करीब 1500 करोड़ की कीमत वाला उदयपुर हाउस राजस्थान सरकार को सौंपे जाने को लेकर दिल्ली सरकार ने सहमति दे दी है। आजादी से पहले यह उदयपुर के महाराजा का निवास था। आजादी के बाद यह संपत्ति राजस्थान सरकार के हिस्से आ गई थी।
राजस्थान के मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने बताया कि आजादी के बाद राजस्थान सरकार ने उदयपुर हाउस दिल्ली सरकार को किराये पर दिया था। दिल्ली सरकार ने 1965 के बाद किराया देना बंद कर दिया। उसके बाद लगातार कागजी कार्रवाई चलती रही, लेकिन समाधान नहीं निकला। मामला कोर्ट में चला गया। अब सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दोनों सरकारों में आपसी सहमति बन गई है। इस मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई में दिल्ली सरकार द्वारा उदयपुर हाउस राजस्थान सरकार को सौंपने का सहमति पत्र पेश किया जाएगा।
गुप्ता ने बताया कि राजस्थान सरकार ने दिल्ली सरकार को इसके बदले में इसी कीमत की जमीन कहीं और जगह देने का विकल्प दिया था, लेकिन ग्रीन ट्रिब्यूनल की अड़चन के कारण समझौता नहीं हो सका था। दिल्ली में स्थित राजस्थान सरकार की संपतियों को कब्जे में लेने के लिए पिछले दस साल से प्रयास चल रहे थे। इस क्रम में बीकानेर हाउस का कब्जा तो ले लिया गया, लेकिन उदयपुर हाउस का नहीं लिया जा सका था। अब इस पर सहमति बनी है।
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