नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने पीड़ित परिवार की तरफ से उन्हें लिखी गई चिट्ठी की जानकारी मांगी।उन्होंने पूछा है कि 12 जुलाई को भेजी गई चिट्ठी उनके पास बढ़ाने में देर क्यों हुई है।
उन्होंने रजिस्ट्रार जनरल से पीड़ित परिवार की भावनाओं पर एक नोट भी पेश करने को कहा है। गैंगरेप पीड़िता के परिजनों ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को पत्र लिखकर अपनी जान का खतरा बताया था।
आरोप है कि लगातार आरोपी पक्ष, पीड़ित पक्ष को धमका रहा था। इस बात से परेशान होकर पीड़ित पक्ष बार-बार पुलिस और प्रशासन का दरवाजा खटखटा रहा था। लेकिन इसके बाद भी वहां से उन्हें न्याय नहीं मिल पा रहा था। एक साल में करीब 33 बार उन्होंने पुलिस में शिकायत की लेकिन एक बार भी पुलिस ने जांच करना उचित नहीं समझा।
इसके बाद पीड़ित पक्ष ने डराने और धमकाने आए लोगों के कुछ वीडियो भी बनाए और जुलाई की शुरुआत में एक बार फिर से पुलिस का दरवाजा खटखटाया। लेकिन उन्हें हमेशा की तरह निराशा हाथ लगी जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को चिट्ठी लिखी।
पीड़ितों ने इस चिट्ठी में अपना पूरा दर्द लिखा और ये बताया कि किस तरह उन पर समझौते और केस वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने इस चिट्ठी को CJI, डीजीपी समेत और भी कई जगहों पर भेजा। इसके चंद दिनों के भीतर ही ट्रक हादसा हो गया जो शक के घेरे में है।
मंगलवार को हादसे की जांच के लिए SIT का गठन
रायबरेली में सड़क दुर्घटना में घायल हुए उन्नाव बलात्कार कांड की पीड़िता के मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश करने के एक दिन बाद मंगलवार को उत्तर प्रदेश पुलिस ने विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया। राष्ट्रीय महिला आयोग की एक टीम ने अस्पताल जाकर पीड़िता की मां से मुलाकात की। उत्तर प्रदेश पुलिस ने लगातार बढ़ते ड्रग के कारण आखिरकार कैसर मामले में सोमवार को सेंगर और नौ अन्य लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया। उत्तरप्रदेश के रायपुररमऊ से चार बार के विधायक सेंगर को पिछले साल अप्रैल में गिरफ्तार किया गया था।