रायपुर, छत्तीसगढ पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक विभाग में प्रमोशन के मामले में हुई गड़बड़ी की जांच का ऐलान कर दिया गया है। साल 2010 से 2015 के बीच पुलिस अफसरों के प्रमोशन में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायत राज्य सरकार को मिली थी।

आउट ऑफ टर्न प्रमोशन के नाम पर सैंकड़ों लोगों को रेवड़ी की तरह प्रमोशन बांटी गयी थी। पुलिस मुख्यालय ने इस मामले में पांच सदस्यीय उच्च स्तरीय जांच कमेटी का ऐलान कर दिया है। इस आदेश से पुलिस मुख्यालय में हड़कंप मच गया है।

ADG प्रशासन अशोक जुनेजा जांच टीम के हेड बनाये गये हैं। वहीं SIB के डीआईजी सुंदरराज पी, DIG प्रशासन ओपी पॉल, DIG एससी द्विवेदी और डीआईजी इंटेलिजेंस अजय यादव को जांच टीम के मेंबर बनाया गया है। डीजीपी ने इस मामले में जांच टीम से 5 साल के दौरान दिये गये प्रमोशन के सभी प्रकरणों की जांच कर रिपोर्ट तलब की है।


आपको बता दें कि पुलिस मुख्यालय में बड़े पैमाने पर प्रमोशन के नाम पर गोलमाल की शिकायत मिल रही थी। ना सिर्फ बस्तर और दूरस्थ इलाकों में बल्कि अन्य जगहों पर भी इसी तरह आउट आफ टर्न प्रमोशन का खेल हुआ। आलम ये था कि कई पुलिसकर्मी कांस्टेबल से प्रमोशन पाकर एसआई तक बन गये और कई पुलिसकर्मी सालों गुजर जाने और अहर्ता के बावजूद मूल पद पर ही बने रह गये।

सरकार को ये भी शिकायत मिली थी नक्सल प्रभावित इलाकों में आपरेशंस में बहादूरी दिखाने वाले जवानों को भी आउट आफ टर्न प्रमोशन देने में बड़ा खेल हुआ। जो आपरेशन में शामिल नहीं भी थे उन्हें गैलेंटरी अवार्ड दे दिया गया और आउट आफ टर्न प्रमोशन देकर उपकृत किया गया। जांच के ऐलान से पीएचक्यू में हड़कंप मचा है। जाहिर है खुलासा के बाद कई अफसर और पुलिसकर्मी नपेंगे।

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