जयपुर, 15 मई, 2019

राजस्थान में बीजेपी की सरकार ने स्‍कूली पाठ्यक्रम में महाराणा प्रताप को हल्दीघाटी के युद्ध का विजेता घोषित कराया था. अब तक छात्रों को यही पढ़ाया जा रहा था, लेकिन सत्ता बदलने के बाद अब कांग्रेस ने युद्ध के परिणाम में संशोधन कर दिया है. अब नए पाठ्य़क्रम में हल्दीघाटीक युद्ध का विजेता महाराणा प्रताप नहीं हैं. हालांकि, संशोधित पाठ्यक्रम में महाराणा प्रताप की जगह अकबर को विजेता घोषित नहीं किया गया है. 12वीं कक्षा की इतिहास की पुस्तक में हल्दीघाटी के युद्ध के बारे में विस्तार से लिखा गया है. लेकिन, युद्ध के परिणाम पर पाठ्यक्रम खामोश है. इसमें न तो महाराणा प्रताप को विजेता बताया गया है न तो अकबर को. इसमें अकबर और महाराणा प्रताप में से किसी को महान नहीं बताया गया है.

शिक्षा मंत्री की दलील
इससे पहले पांच महीने सत्ता बदलते ही कांग्रेस सरकार ने कहा था कि वे हल्दीघाटी युद्ध के असली विजेता और प्रताप और अकबर में से महान कौन थे इसका फैसला कर देंगे. संशोधित पाठ्यक्रम पर राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि “हल्दीघाटी के युद्ध का विजेता कौन रहा, ये पढ़ाना जरुरी नहीं है. इसके साथ ही महाराणा प्रताप और अकबर में कौन महान है यह पढ़ना जरूरी है”.

डोटासरा ने कहा कि संशोधित पाठ्यक्रम में महाराणा प्रताप के संघर्ष के बारे में बताया गया है, जिससे छात्र प्रेरणा ले सकें. डोटासरा ने कहा कि इस पाठ्यक्रम में ये बताने की भी कोशिश की गई है कि ये (हल्‍दीघाटी युद्ध) हिंदू-मुस्लिम के बीच की जंग नहीं थी. किताब में दोनों के मुस्लिम सेनापति के जरिए इसे समझाया गया है. डोटासरा ने कहा कि उनकी सरकार महाराणा प्रताप पर बीजेपी की ओर से पाठ्यक्रम में की जा रही सियासत से दूर रहना चाहती है.

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