रायपुर, 24 जुलाई।

छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार के शासनकाल में उधेड़ी जा रहीं रमन सरकार के भ्रष्टाचार की परतों में एक नया खुलासा सामने आया है। पूर्व सीएम रमन सिंह के ओएसडी रहे अरूण बिसेन की पत्नी जागेश्वरी बिसेन के अपात्र होने के बावजूद 1 लाख रुपये प्रतिमाह की तनख्वाह पर आईटी विशेषज्ञ के रूप में की गई तैनाती की शिकायत जांच में सही पाई गई है। जागेश्वरी बिसेन को आईटी विशेषज्ञ के रूप में रमन शासनकाल में एनआरडीए में सेवा देने वाली एक कंपनी में नियुक्ति किया गया था, जबकि जागेश्वरी बिसेन आईटी विशेषज्ञ के पद पर नियुक्ति के लिए पात्रता नहीं रखती थीं।  जांच रिपोर्ट आने के बाद सरकार अब एनआरडीए के तत्कालीन सीईओ रजत कुमार को जवाब-तलब कर सकती है। 


कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलकर जागेश्वरी बिसेन की नियम विरुद्ध की गई नियुक्ति की शिकायत की थी। जिसके बाद मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव सुनील कुजूर से पड़ताल के लिए कहा था।  बताया गया कि आवास एवं पर्यावरण विभाग की विशेष सचिव ने इस सिलसिले में एनआरडीए के सीईओ से जांच कर रिपोर्ट मांगी थी। जांच चार बिंदुओं पर जांच कराई गई, जिसमें जागेश्वरी बिसेन की नियुक्ति में अनियमितता की पुष्टि हुई है। यह भी बताया गया कि प्राधिकरण के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्टस सपोर्ट सर्विसेस के लिए अनुबंधित सलाहकार संस्था के साथ संपादित अनुबंध के अनुसार स्मार्ट सिटी परियोजना के कार्यों के संचालन के लिए आईटी कंसलटेंट की जरूरत महसूस होने पर सलाहकार के चयन के लिए योग्यता निर्धारित करते हुए सलाहकार संस्था मेसर्स ली एसोसिएट से योग्य उम्मीदवारों की बॉयोडाटा चाहा गया था। योग्यता में एमसीए या फिर बीई व बीटेक के साथ-साथ पांच से सात साल का अनुभव मांगा गया था।
सलाहकार संस्था द्वारा जागेश्वरी बिसेन का अनुभव प्रमाण पत्र अग्रेषित किया गया और उनकी नियुक्ति आईटी विशेषज्ञ के पद पर कर दी गई है। 


जांच रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि बॉयोडाटा मिलने के बाद प्रस्तावित उम्मीदवार का साक्षात्कार भी नहीं लिया गया। इस सिलसिले में कोई नस्ती उपलब्ध नहीं है। यही नहीं, प्रोफेशनल इंस्टीटयूट ऑफ इंजीयरिंग और टेक्नालॉजी में कुल तीन वर्ष सात माह में प्रोफेसर कम्प्यूटर साइंस और कंसोल इंडिया कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड में कुल एक वर्ष तीन माह का अनुभव होना बताया गया है।
इस तरह जागेश्वरी बिसेन द्वारा 4 वर्ष 10 माह 18 दिन का अनुभव प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया है। जबकि प्राधिकरण द्वारा उपरोक्त पद के लिए पांच से सात वर्ष का अनुभव चाहा गया था। जागेश्वरी बिसेन को एक लाख रूपए महीने के वेतन पर रखा गया था। सरकार बदलने के बाद जागेश्वरी बिसेन ने अपने पद से इस्तीफा भी दे दिया। जांच रिपोर्ट आने के बाद एनआरडीए के तत्कालीन सीईओ रजत कुमार को नोटिस देने की तैयारी चल रही है। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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