रायपुर, 6 अगस्त

प्रयास आवासीय विद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2019-20 में कक्षा नवमीं में प्रवेश हेतु तीसरी कॉउंसिलिंग 7 और 8 अगस्त को सुबह 10 से शाम 5 बजे तक रायपुर में होगी। सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक अनुसूचित जनजाति वर्ग के बालक-कन्या की कॉउंसिलिंग 7 अगस्त को तथा अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग तथा सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों की कॉउंसिलिंग 8 अगस्त को की जाएगी।

यह कॉउंसिलिंग रायपुर स्थित प्रयास कन्या आवासीय विद्यालय गुढ़ियारी, जनता कॉलोनी पहाड़ी चौक, रेल्वे स्टेशन के पीछे तय समय पर होगी। तृतीय कॉउंसिलिंग के लिए चयनित विद्याार्थी विभागीय वेबसाइट tribal.cg.gov.in  में सूची का अवलोकन कर सकते हैं।

उन्हें तय तिथि में कॉउंसिलिंग के तय समय से एक घंटे पहले आवश्यक अभिलेखों-आठवीं की अंकसूची, स्थाई जाति प्रमाण-पत्र, जिला चिकित्सा बोर्ड द्वारा जारी प्रमाण पत्र, दो पासपोर्ट साईज फोटो के साथ उपस्थित होना होगा।

नक्सल प्रभावित आदिवासी बच्चों का भविष्य संवार रहा है प्रयास।

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों के प्रतिभावान बच्चों को अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए वर्ष 2010 में तत्कालीन रमन सिंह सरकार ने प्रयास फाउंडेशन की स्थापना की थी। जिसके तहत राज्य के हर संभाग मुख्यालय पर और प्रयास आवासीय विद्यालय खोले गए। इन स्कूलों में 9वीं कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई होती है। स्कूलों में हॉस्टल की सुविधा होने से आदिवासी छात्रों को पढ़ाई करने में सहूलियत होती है। प्रयास आवासीय विद्यालयों की ओर से समय समय पर विषय विशेषज्ञ बुलाकर छात्र-छात्राओं को सुविधा मुहैया कराई जाती है।

यहां से पढ़ाई करने वाले छात्र आज आईआईटी, एम्स और आईआईएम जैसे शीर्ष संस्थानों में पढ़ाई कर अपना मुकाम हासिल कर रहे हैं। लेकिन इन सफल छात्रों को अगर प्रयास फाउंडेशन द्वारा शिक्षा नहीं दी जाती तो इनका भविष्य अंधकारमय ही रह जाता। प्रयास स्कूल में बच्चों को एंट्रेंस के माध्यम से चुना जाता है। हालांकि ये स्कूल छत्तीसगढ़ राज्य बोर्ड के अंतर्गत ही संचालित होते हैं, लेकिन यहां सीबीएसई और एनसीआरटी पाठ्यक्रम से ही पढ़ाई होती है।

11वीं और 12वीं के छात्रों का यहां खास ध्यान रखा जाता है। उन्हें मेडिकल, इंजीनियरिंग और तमाम प्रवेश परीक्षाओं के लिए विशेषज्ञों द्वारा कोचिंग की सुविधा भी प्रदान करवाई जाती है। अभी प्रयास फाउंडेशन के तहत पूरे राज्य में 5 विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। ये रायपुर, अंबिकापुर, दुर्ग, जगदलपुर और बिलासपुर में चल रहे हैं।

प्रदेश के सभी पांच संभागों में चल रहे प्रयास विद्यालयों में बच्चों की संख्या साढ़े तीन हजार से ज्यादा हो गई है। इन सभी स्कूलों का संचालन डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड (डीएमएफ) और आदिम जाति विकास विभाग की राशि से किया जा रहा है।

प्रयास विद्यालय में अत्याधुनिक कम्प्यूटर लैब के साथ ही फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी की सुसज्जित प्रयोगशालाएं भी हैं। यहां पर एक लाइब्रेरी की स्थापना की गई है जहां बैठकर सभी बच्चे एकसाथ पढ़ाई कर सकते हैं। पिछले सात वर्षों में प्रयास के इन स्कूलों ने कई सारे होनहार बच्चों को तराशा है।

 

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