रायपुर, 28 जनवरी, 2020

इंडियन नर्सिंग काउंसिल (आईएनसी) ने बीएससी नर्सिंग में प्रवेश के लिए 12वीं में विज्ञान विषय से उत्तीर्ण होने की अनिवार्यता हटा ली है। अब किसी भी विषय में 45 फीसदी अंकों के साथ 12वीं कक्षा पास करने वाला छात्र बीएससी नर्सिंग पाठ्यक्रम में प्रवेश ले सकेगा। इसके लिए आईएनसी ने बीएससी नर्सिंग प्रवेश के नियमों में बड़ा बदलाव कर दिया है।

आईएनसी के मुताबिक बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई के प्रति युवाओं का रुझान कम हुआ है। पिछले सत्र 2019-20 तक बीएससी नर्सिंग में प्रवेश के लिए 12वीं में फिजिक्स, केमेस्ट्री और बायोलॉजी विषय में उत्तीर्ण होना आवश्यक था। लेकिन वर्ष 2020-21 में होने वाली प्रवेश परीक्षा में पीसीबी (फिजिक्स, केमेस्ट्री, बायोलॉजी) की अनिवार्यता हटा ली गई है। व्यापमं के द्वारा हर साल होने वाली बीएससी नर्सिंग की प्रवेश परीक्षा में अब किसी भी विषय में 45 फीसदी अंक प्राप्त स्टूडेंट्स शामिल हो सकेगा। आईएनसी ने इस बदलाव संबंधी सर्कुलर सभी राज्यों को भेज दिया है। सर्कुलर मिलने के बाद छत्तीसगढ़ चिकित्सा शिक्षा संचालनालय ने इस पर काम  भी शुरु कर दिया है।

बीते 3 सालों में लैप्त हुईं 2,781 सीटें

इंडियन नर्सिंग काउंसिल कॉलेजों का निरीक्षण कर उन्हें प्रवेश की अनुमति देती है। कॉलेजों को आयुष विश्वविद्यालय संबद्धता जारी करता है। जबकि राज्य नर्सिंग काउंसिल कॉलेजों की मॉनिटरिंग करती है। प्रदेश में 93 नर्सिंग कॉलेज हैं। जिनमें बीएससी नर्सिंग की 4000 सीटें हैं। नर्सिंग के प्रति युवाओं के घटते रुझान से बीते तीन सालों में 2781 सीटें लैप्स हो गई थीँ। साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष 2019-20 में नर्सिंग की 398 सीटें लैप्स हुई थीं। 2018-19 में 900 सीटें लैप्स हुई थीं जबकि 2017-18 में 1483 सीटें लैप्स हुई थीँ। सीटों के भरने के लिए आठ बार काउंसिलिंग भी करवाई गई, उसके बावजूद नर्सिंग की सीटें खाली रह गईँ।

लागू होगा सेमेस्टर सिस्टम

छत्तीसढ़ चिकित्सा शिक्षा संचालनालय के प्रवक्ता डॉ. जितेन्द्र तिवारी ने बताया कि आईएनसी से सर्कुलर प्राप्त हुआ है। जिसमें प्रवेश नियमों को लेकर बदलाव किये जाने का जिक्र है। अभी राज्य सरकार के स्तर पर निर्णय लिया जाना है, इसके लिए विचार किया जा रहा है। माना जा रहा है कि राज्य स्तर पर नर्सिंग पाठ्यक्रम में प्रवेश के बदलाव के साथ-साथ सेमेस्टर प्रणाली भी लागू की जा सकती है। मध्यप्रदेश में नर्सिंग कोर्सेज में सेमेस्टर प्रणाली पहले से लागू है। विशेषज्ञों के मुताबिक सेमेस्टर सिस्टम के लिए पाठ्यक्रम को इस तरह से डिजाइन किया जा रहा है कि ज्यादा से ज्यादा छात्र इस ओर आकर्षित होंगे। पाठ्यक्रम का प्रारूप आईएनसी ने राज्यों को भेजा है। नर्सिंग के प्रति घटते रुझान के चलते केन्द्र सरकार पहले ही 2021 से जीएनएम (जनरल नर्सिंग मिडवाइफरी) कोर्स को बंद करने का फैसला ले चुकी है।

आरक्षण का झंझट खत्म

नए बदलाव से आरक्षित और अनारक्षित वर्ग का भेद समाप्त हो जाएगा अब बीएससी नर्सिंग पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए सभी वर्गो के छात्रों के लिए 12वीं में किसी भी विषय में 45 फीसदी अंक अनिवार्य होंगे। काउंसिलिंग की प्रक्रिया चार चरणों से अधिक नहीं होगी। यानि निजी नर्सिंग कॉलेजों में अगर सीट खाली रहती है तो निजी कॉलेज संचालकर काउंसिलिंग की समय सीमा बढ़ाने का दबाव नहीं डाल पाएंगे।

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