नई दिल्ली,

उन्नाव की रेप पीड़िता को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लखनऊ से एयरलिफ्ट कर दिल्ली लाया गया हैं, जहां उसे एम्स में भर्ती कराया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली एम्स में पीड़िता को बेहतर इलाज दिलाया जाएगा। पीड़िता अभी भी वेंटिलेटर पर है और नौ दिन बाद भी उसकी हालत में कोई सुधार नहीं देखा गया है। बीती 28 जुलाई को एक सड़क हादसे में पीड़िता की कार की टक्कर एक ट्रक से हो गई थी। जिसमें उसके दो रिश्तेदारों की मौत हो गई थी।

रेप पीड़ित इसी कार में सवार थीं. 28 जुलाई 2019 को कार की एक ट्रक से टक्कर हो गई थी.

उन्नाव रेप मामले में सोमवार को दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में आरोपी विधायक कुलदीप सेंगर की पेशी हुई। अब रेप के मामले में आरोप तय करने के लिए सात अगस्त को बहस होगी इस मामले में अभियुक्त विधायक कुलदीप सेंगर पर पांच मामले चल रहे हैं, जिनमें से बलात्कार वाले मामले की ही रोज़ सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने बीते हफ़्ते सीबीआई से कहा था कि वो सात दिन के भीतर सड़क हादसे की जांच पूरी करे।  हालांकि, सीबीआई ज़रूरत पड़ने पर एक और हफ़्ता ले सकती है।  रेप के मामले में लखनऊ की विशेष सीबीआई कोर्ट में पहले ही चार्जशीट दाखिल हो चुकी है. रेप केस को छोड़कर बाकी के तीन केसों पर छह अगस्त को सुनवाई होगी. कोर्ट ने दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया है.

उन्नाव केस- ये हैं पांच मामले

  1. बलात्कार
  2. पीड़िता की कार और ट्रक की टक्कर
  3. पुलिस हिरासत में पिता की मौत
  4. पीड़िता के साथ दोबारा रेप
  5. पिता के खिलाफ आर्म्स एक्ट का केस

उन्नाव रेप केस में अब तक क्या-क्या हुआ?

4 जून 2017: पीड़िता ने विधायक कुलदीप सेंगर के घर रेप का आरोप लगाया.

11 जून 2017: पीड़िता लापता हुई, गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज़.

22 जून 2017: पीड़िता की कोर्ट में पेशी, बयान दर्ज़.

04 अप्रैल 2018: पीड़िता के पिता आर्म्स एक्ट में गिरफ़्तार.

09 अप्रैल 2018: पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत.

11 अप्रैल 2018: यूपी सरकार ने केस सीबीआई को सौंपा.

13 अप्रैल 2018: विधायक गिरफ़्तार, सीबीआई ने की पूछताछ.

11 जुलाई 2018: सेंगर अभियुक्त करार, सीबीआई की पहली चार्जशीट.

28 जुलाई 2019: पीड़िता की कार को ट्रक ने टक्कर मारी.

31 जुलाई, 2019: सीबीआई को सौंपी गई जांच.

1 अगस्त, 2019: सुप्रीम कोर्ट का आदेश- सभी केस दिल्ली ट्रांसफ़र.

2 अगस्त, 2019:सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता के चाचा को सुरक्षा कारणों से दिल्ली के तिहाड़ जेल शिफ़्ट करने का आदेश दिया.

पीड़ित की मां
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