रायपुर,
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भारत भ्रमण पर छत्तीसगढ़ आये भारतीय पुलिस सेवा के 22 प्रशिक्षु युवा अधिकारियों से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने उन्हें छत्तीसगढ़ की स्थिति तथा राज्य की चुनौतियों की जानकारी दी। उन्होंने युवा आईपीएस अधिकारियों से राज्य की नक्सल समस्या के बारे में विस्तार से बताया। भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की चुनौती देश के अन्य राज्यों से कुछ अलग है। यहां के बस्तर में 60 से 80 प्रतिशत आदिवासी निवास करते हैं। उनका जीवन जंगल पर निर्भर है। यहां के अबूझमाड़ क्षेत्र में जमीन का अभी तक राजस्व की दृष्टि से सर्वेक्षण नहीं हो पाया है। इस क्षेत्र में गरीबी और बेरोजगारी जैसी समस्या है। नक्सली यहाँ का विकास नहीं होने देते। जब यहां सड़क बनती है तो लोगों को लगना चाहिए कि ये सड़कें उनके और क्षेत्र के विकास के लिए उन्नति और विकास की राह खोलेगी।
सुरक्षा बल के जवान अपने जान की बाजी लगाकर कार्य करते हैं। यहां की सुरक्षा और विकास के लिए राज्य ने बड़ी कीमत चुकाई है। नक्सलवाद के विरूद्ध चौतरफा लड़ाई लड़ने की जरूरत है। आम जनता को भरोसा होना चाहिये कि पुलिस उनकी सुरक्षा के लिए है और यह विश्वास अर्जित करना ही आपके लिए कसौटी है।
नक्सलवाद से बुरी तरह प्रभावित एरिया में सुरक्षा बलों के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, पंचायत, विद्युत, वन जैसे सभी विभागों को आपसी समन्वय से क्षेत्र एवं नागरिकों के विकास किए जाने की आवश्यकता है। वहां के नागरिकों को रोजगार, विकास और सामाजिक प्रतिष्ठा के बेहतर अवसर दिलाते हुए उनका विश्वास जीतने की जरूरत है। राष्ट्रीय आंदोलन में आदिवासी समाज के नायकों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। लोक गीतों और लोक नृत्यों के माध्यम से यहां के युवाओं को उनकें पुरखों द्वारा राष्ट्रीय आंदोलन दिए गए गौरवशाली योगदान को बताने की जरूरत है।
छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिरीक्षक ओ.पी.पाल ने अधिकारियों का परिचय कराते हुए कहा कि दल में अकादमी के असिस्टेंट डायरेक्टर सी. वक्सी कृष्णा और दो महिला अधिकारी भी शामिल हैं। इन अधिकारियों ने छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान कांकेर के जंगल वार फेयर कॉलेज का भ्रमण किया तथा नया रायपुर और जंगल सफारी देखेंगे।
भारतीय पुलिस सेवा के 2018 बैच के 156 अधिकारी वर्तमान में सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी हैदराबाद में प्रशिक्षण ले रहे हैं। इस बैच में छत्तीसगढ़ कैडर के 7 अधिकारी भी शामिल हैं।