नई दिल्ली, 23 अगस्त
इंडियन आर्म्ड फोर्सेज में तालमेल बिठाने और आपसी सामंजस्य बनाने की दिशा में मोदी सरकार ने अहम निर्णय करते हुए सेना मुख्यालय के पुनर्गठन को मंजूरी दे दी है। इस मंजूरी पर केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी अपनी मुहर लगा दी है।

तीनों सेनाओं के प्रतिनिधित्‍व सहित सेना प्रमुख (सीओएएस) के अधीन एक अलग सतर्कता प्रकोष्‍ठ बनेगा।

फिलहाल अनेक एजेंसियों के माध्‍यम से सेना प्रमुख के लिए सतर्कता संबंधी क्रियाकलाप किया जाता है और इसमें किसी एक एजेंसी का हस्‍तक्षेप नहीं है। सेना प्रमुख के अधीन एक स्‍वतंत्र सतर्कता प्रकोष्‍ठ को चालू किया जाएगा। इसके अनुसार, इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए सेना प्रमुख के अधीन सीधे-सीधे अपर महानिदेशक (सतर्कता) को पदस्‍थापित किया जाएगा। इसमें कर्नल स्तर के तीन अधिकारी (भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना में से एक-एक अधिकारी) शामिल होंगे। यह सेना मुख्‍यालय के मौजूदा पदों के तहत किया जाएगा।

मानवाधिकारों के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए उप-सेना प्रमुख के अधीन केंद्रित  संगठन – मानवाधिकार से जुड़े करारों और मूल्यों के पालन को उच्च प्राथमिकता देने के लिए, सीधे-सीधे उप-सेना प्रमुख के अधीन अपर महानिदेशक (मेजर जनरल रैंक के अधिकारी) के नेतृत्‍व में एक विशेष मानवाधिकार अनुभाग स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। यह मानव संसाधन संबंधी किसी प्रकार के उल्लंघन की रिपोर्ट की जांच करने के लिए शीर्ष बिंदु होगा। पारदर्शिता बढ़ाने के लिए और सर्वश्रेष्‍ठ जांच विशेषज्ञता  सुनिश्चित करने के लिए, अनुभाग में एसएसपी/एसपी रैंक के एक पुलिस अधिकारी को प्रतिनियुक्त किया जाएगा।

फील्ड आर्मी के फॉर्मेशनों/यूनिटों में सेना मुख्‍यालय के 206 सेना अधिकारियों  को पदस्‍थापित किया जाएगा

सेना मुख्‍यालय से कुल 206 अधिकारियों को कार्य के अनुकूल बनाकर इन्‍हें फील्ड आर्मी की यूनिटों के लिए 3 मेजर जनरल, 8 ब्रिगेडियर, 9 कर्नल, 186 लेफ्टिनेंट कर्नल-मेजर को मिलाकर कुल 206 अतिरिक्त पद मुहैया कराए जाएंगे। इन 206 अधिकारियों को अब फील्ड ऑपरेशन में भी भेजा जाएगा।

रक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक फिलहाल चीफ ऑफ आर्मी स्टॉफ के तहत एक पृथक विजिलेंस सेल काम कर रहा है. विभिन्न एजेंसियों के जरिये विजिलेंस सेल चीफ ऑफ आर्मी स्टॉफ के काम करता है और इसमें कहीं हस्तक्षेप की गुंजाइश नहीं होती है.

लेकिन अब चीफ ऑफ आर्मी स्टॉफ के तहत स्वतंत्र विजिलेंस सेल काम करेगा. इसी तरह एडीजी (सतर्कता) को इस उद्देश्य के लिए सीधे चीफ ऑफ आर्मी स्टॉफ के तहत रखा जाएगा. इसमें कर्नल स्तर के तीन अधिकारी होंगे जो सेना, वायु सेना और नौसेना से होंगे.

 

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