रायपुर,
आज स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर (वीर सावरकर) की 136वीं जयंती है। नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर वीर सावरकर को श्रद्धांजलि दी है। मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि ” वीर सावरकर को हम उनकी जयंती पर नमन करते हैं। वीर सावरकर ने भारत को मजबतू बनाने के लिए असाधारण
साहस, देशभक्ति और असीम साहस का परिचय दिया। उन्होंने देशवासियों को राष्ट्र निर्माण के प्रति खुद को समर्पित करने के लिए प्रेरित किया” ।
मोदी ने ट्विटर पर सावरकर की तस्वीर और वीडियो भी शेयर किया है।
We bow to Veer Savarkar on his Jayanti.
Veer Savarkar epitomises courage, patriotism and unflinching commitment to a strong India.
He inspired many people to devote themselves towards nation building. pic.twitter.com/k1rmFHz250
— Narendra Modi (@narendramodi) May 28, 2019
मोदी ने वीडियो में कहा है कि सावरकर का व्यक्तित्व विशेषताओं से भरा था। वह शस्त्र और शास्त्र दोनों के उपासक थे। सावरकर माने तेज, सावरकर माने तप, सावरकर माने तत्व, सावरकर माने तर्क, सावरकर माने तारुण्य, सावरकर माने तीर, सावरकर माने तलवार। मोदी ने अपने वीडियो में कहा है कि आमतौर पर वीर सावरकर को उनकी बहादुरी और ब्रिटिश राज के खिलाफ उनके संघर्ष के लिए जाना जाता है। लेकिन इन सबके अलावा वे ओजस्वी कवि और समाज सुधारक भी थे। जिन्होंने हमेशा सद्भावना और एकता पर बल दिया। सावरकर कविता और क्रांति दोनो ंको साथ लेकर चले। संवेदनशील कवि होने के साथ-साथ वह साहसिक क्रांतिकारी भी थे।
कौन थे विनायक दामोदर सावरकर –
वीर सावरकर का जन्म 28 मई 1883 को नासिक जिले के ग्राम भागुर में बम्बई प्रांत के ब्रिटिश भारत में हुआ था और उनका निधन 82 वर्ष की आयु में 26 फरवरी 1966 को हुआ था। इतिहासकारों के मुताबिक वीर सावरकर मुस्लिम लीग के जवाब में हिंदू महासभा में शामिल हुए और बाद में हिंदुत्व शब्द के प्रचलन को आगे बढ़ाया। ब्रिटिश शासन के दौरान वीर सावरकर को दोहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई और उन्हें अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह की सेलुलर जेल में कैद किया गया। बाद में 1921 में उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया था।
वीर सावरकर की माता का नाम राधाबाई तथा पिता का नाम दामोदर पन्त सावरकर था। इनके दो भाई गणेश (बाबाराव) और नारायण दामोदर सावरकर तथा एक बहन नैनाबाई थीं। जब वे केवल नौ वर्ष के थे तभी हैजी की बीमारी से माता का देहान्त हो गया। इसके सात वर्ष बाद प्लेग की बीमारी की चपेट में आकर उनके पिता की भी मृत्यु हो गई। इसके बाद विनायक के बड़े भाई गणेश ने परिवार के पालन-पोषण का कार्य सँभाला। दुःख और कठिनाई की इस घड़ी में गणेश के व्यक्तित्व का विनायक पर गहरा प्रभाव पड़ा। विनायक ने शिवाजी हाईस्कूल नासिक से मैट्रिक की परीक्षा पास की। बचपन से ही वे पढ़ाकू तो थे ही अपितु उन दिनों उन्होंने कुछ कविताएँ भी लिखी थीं। आर्थिक संकट के बावजूद बाबाराव ने विनायक की उच्च शिक्षा की इच्छा का समर्थन किया। इस अवधि में विनायक ने स्थानीय नवयुवकों को संगठित करके मित्र मेलों का आयोजन किया। शीघ्र ही इन नवयुवकों में राष्ट्रीयता की भावना के साथ क्रान्ति की ज्वाला जाग उठी। रामचन्द्र त्रयम्बक चिपलूणकर की पुत्री यमुनाबाई के साथ उनका विवाह हुआ। उनके ससुर ने उनकी विश्वविद्यालय की शिक्षा का भार उठाया। मैट्रिक की पढाई पूरी करके उन्होंने पुणे के मशहूर फर्ग्युसन कॉलेज से बीए किया।
वीर सावरकर एक वकील, राजनीतिज्ञ, कवि, लेखक और नाटककार थे। उन्होंने परिवर्तित हिंदुओं के हिंदू धर्म को वापस लौटाने हेतु सतत प्रयास किये एवं आंदोलन चलाये। उनके राजनीतिक दर्शन में उपयोगितावाद, तर्कवाद और सकारात्मकवाद, मानवतावाद और सार्वभौमिकता, व्यावहारिकता और यथार्थवाद के तत्व थे। सावरकर एक नास्तिक और एक कट्टर तर्कसंगत व्यक्ति थे जो सभी धर्मों में रूढ़िवादी विश्वासों का विरोध करते थे
हिंदू राष्ट्रवाद
वीर सावरकर 20वीं शताब्दी के सबसे बड़े हिन्दूवादी रहे। विनायक दामोदर सावरकर को बचपन से ही हिंदू शब्द से बेहद लगाव था। वीर सावरकर ने जीवन भर हिंदू हिन्दी और हिंदुस्तान के लिए ही काम किया। वीर सावरकर को 6 बार अखिल भारत हिंदू महासभा का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। 1937 में उन्हें हिंदू महासभा का अध्यक्ष चुना गया, जिसके बाद 1938 में हिंदू महासभा को राजनीतिक दल घोषित कर दिया गया। हिन्दू राष्ट्र की राजनीतिक विचारधारा को विकसित करने का बहुत बड़ा श्रेय सावरकर को जाता है। उनकी इस विचारधारा के कारण आजादी के बाद की सरकारों ने उन्हें वह महत्त्व नहीं दिया जिसके वे वास्तविक हकदार थे।
- 1958 में काला पानी नाम से एक हिन्दी फिल्म बनी थी, जो सावरकर के ऊपर ही आधारित थी। इस फिल्म में देव आनंद और मधुबाला ने मुख्य भूमिकाएं निभाई थीँ। काला पानी फिल्म का निर्देशन राज खोसला ने किया था। इस फिल्म को दो फिल्म फेयर अवॉर्ड भी मिले थे।
- 1996 में मलयालम भाषा में निर्माता प्रियदर्शन ने भी एक फिल्म काला पानी नाम से बनाई थी। जिसमें अभिनेता अन्नू कपूर ने सावरकर की भूमिका निभाई।
- 2001 में वेद राही और सुधीर फड़के ने वीर सावरकर पर एक बायोपिक बनाई। जिसमें शैलेन्द्र गौड़ ने सावरकर की भूमिका निभाई।
- सावरकर के नाम पर पोर्ट ब्लेयर हवाई अड्डे का नाम वीर सावरकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा रखा गया है।