भोपाल, 7 मार्च 2020

मध्य प्रदेश में सियासी सरगर्मी जोरों पर हैं। भूमि अतिक्रमण के लिए नोटिस दिए जाने के बाद भाजपा विधायक संजय पाठक के उमरिया स्थित बांधवगढ़ स्थित रिसॉर्ट को प्रशासन ने ढहा दिया है। जिस पर विधायक संजय पाठक ने कहा है कि सरकार का ये कदम बदले की भावना से प्रेरित है। बांधवगढ़ स्थित रिसोर्ट में लगभग 2 एकड़ एरिया में अतिक्रमण की जानकारी सामने आ रही है। इस दौरान कलेक्टर स्वरुचि सोमवंशी भी मौके पर मौजूद रहीं।

संजय पाठक ने इसे कमलनाथ सरकार की सोची समझी साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि 11 रिसॉर्ट को नोटिस दिया गया है लेकिन कार्रवाई सिर्फ उनके रिसॉर्ट पर की गई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कितनी भी दबाव की राजनीति कर ले। मैं इसके खिलाफ कोर्ट जाउँगा, मेरी हत्या का बहुत बड़ा षडयंत्र रचा गया है, मैं अंतिम सांस तक भाजपा नहीं छोड़ूंगा। 2 दिन पहले सरकार ने उनकी जबलपुर में आयरन की 2 खदानें सील कर दी थीं।

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में विधायकों की खरीद-फरोख्त की खबरें बीते कुछ दिनों से लगातार सामने आ रही हैं। आरोप है कि भाजपा के लोग राज्य की कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस की ओर से पहले आरोप लगाया गया कि भाजपा नेताओं ने उनके 4 विधायकों को गुरुग्राम में कैद कर लिया है, लेकिन बाद में ये सभी विधायक वापस लौट आए। जिसके बाद कांग्रेस ने राहत की सांस ली। इस एक्शन के बाद आए रिएक्शन में विधायक संजय पाठक का रिसॉर्ट तोड़ दिया गया है।

प्रदेश की राजनीति में इस समय जो चल रहा है उसमें भाजपा विधायक संजय पाठक की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जा रही है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी हॉर्स ट्रेडिंग के 5 जिम्मेदार नेताओं में संजय पाठक को भी बताया है। चर्चा है कि पाठक के चार्टर्ड प्लेन से कांग्रेस विधायक दिल्ली भेजे गए थे। पाठक कटनी जिले के विजयराघवगढ़ से विधायक हैं।

बुधवार को जबलपुर में खदान सील किए जाने के बाद चर्चा थी कि संजय पाठक ने गुरुवार देर रात मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात की। लेकिन, शुक्रवार सुबह संजय पाठक ने ट्वीट कर मुलाकात का खंडन किया और राजनैतिक षड्यंत्र में हत्या की आशंका जताई थी। पाठक का कहना था कि मैं भाजपा में ही हूं। जिस तरह से सरकार उनके खिलाफ काम कर रही है उससे उनकी जान को खतरा है। पाठक के इस ट्वीट के बाद शनिवार सुबह प्रशासन ने उनके रिसॉर्ट का एक हिस्सा ढहा दिया।

खदानें सील करने के पीछे बताए कारण

मप्र की भाजपा सरकार में मंत्री रहे विधायक संजय पाठक की निर्मला मिनरल्स के नाम से जबलपुर के सिहोरा क्षेत्र में अगरिया और दुबियारा में आयरन की दो खदानें हैं। इन खदानों को जून 2019 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जबलपुर कलेक्टर ने चालू करने के निर्देश दिए थे, लेकिन 6 महीने में अभ्यावेदन के साथ ही सारे कागजात जमा करने की शर्त लगाई थी। जबलपुर के कलेक्टर का कहना है- खदान संचालक निर्धारित समय में कागजात जमा नहीं कर पाए। इसलिए कार्रवाई की गई है।

सुरेंद्र शेरा भोपाल पहुंचे, सीएम से मिलने गए

निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा शनिवार दोपहर दिल्ली से भोपाल पहुंचे। शेरा को एयरपोर्ट पर लेने जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा आए। दोनों यहां से मुख्यमंत्री से मिलने के लिए सीएम हाउस पहुंचे। शेरा ने कहा कि उन्हें बंधक नहीं बनाया गया था। जिस फ्लाइट से शेरा आए हैं, उसी से भाजपा विधायक नरोत्तम मिश्रा भी भोपाल आए।

ऐंदल सिंह बोले- मेरी भाजपा से कोई भी बात नहीं हुई

सुमावली विधानसभा से विधायक ऐंदल सिंह कंसाना अंतत: मुरैना लौट आए। उन्होंने कहा कि मेरे छोटे भाई दिलीप कंसाना की पत्नी बीमार हैं और वह दिल्ली में भर्ती हैं। मैं उसे देखने के लिए ही दिल्ली गया था। मुझसे भाजपा के किसी भी नेता ने न खरीद-फरोख्त की बात की, न किसी ने बंधक बनाया। मैं आज फिर दोहराना चाहता हूं कि मैं कांग्रेस का सच्चा सिपाही हूं और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह मेरे आदर्श हैं। मैं हमेशा कांग्रेस के लिए ही काम करूंगा।

विधायक शेरा बंदर की तरह इधर-उधर होते रहते हैं: गोविंद सिंह 

मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा को लेकर बयान दिया है कि वे बंदर की तहर इधर-उधर होते रहते हैं। गोविंद ने कहा कि वे खुद ही बताएं कि किन लोगों ने उन्हें रोका था। पाठक की खदानें सील करने और रिसाॅर्ट के तोड़े जाने के सवाल पर सहकारिता मंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि अवैध रूप से खदानें संचालित होने पर प्रशासन ने कार्रवाई की है। उन्होंने प्रदेश के बहुचर्चित हनीट्रेप से जुडे लोगों के नाम उजागर संबंधी एक सवाल के जवाब में कहा कि नाम उजागर होना चाहिए। डॉ गोविंद सिंह ने आज दावा करते हुए कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार पूर्ण बहुमत में है और आगे भी रहेगी। डॉ. सिंह ने यहां मीडिया से चर्चा में कहा कि भारतीय जनता पार्टी को आज ‘फ्लोर टेस्टट कराना है, तो आज करा लें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में पूर्ण बहुमत में है और आगे भी रहेगी।

ऑफर दिए जाने की बात पर विधायक रामबाई बोलीं- मंत्री तो बनाना पड़ेगा
रामबाई ने शनिवार को कहा कि मुझे ऐसा कोई ऑफर नहीं आया। किसी ने मुझसे कोई चर्चा भी नहीं की, मैं तो कांग्रेस वालों के पीछे हूं, हमारी बहनजी का समर्थन है। मंत्री बनने के सवाल पर कहा- ऐसी स्थिति है तो मंत्री कौन नहीं बनना चाहेगा। रामबाई ने कहा- इतना बड़ा झटका लगा है तो अब मंत्री बनाएंगे, ऐसा लग रहा है। कांग्रेस की ऐसी स्थिति है तो सरकार में हम 2 बसपा विधायकों को मंत्री बनाना चाहिए।

विधानसभा अध्यक्ष से मिले नारायण त्रिपाठी

शनिवार दोपहर भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी विधानसभा अध्यक्ष से मिले। इससे पहले गुरुवार रात वे मुख्यमंत्री से मिले थे। मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद त्रिपाठी ने कहा था कि वे भाजपा से इस्तीफा नहीं देंगे। शनिवार को विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात के दौरान उनकी क्या चर्चा हुई, इसकी जानकारी फिलहाल सामने नहीं आई है।

 

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