मुंबई,
2019 में जब भाजपा को 303 सीटें हैं तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने पिछले कार्यकाल में की गईं गलतियों को सुधारने की शुरुआत कर दी है।
शुरुआत की पहली कड़ी में नरेन्द्र मोदी पार्ट-2 सरकार ने पहला बड़ा कदम 1 जुलाई से बैंकिंग ट्राजेक्शन पर लगने वाले शुल्क को खत्म करके किया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में इस बात की घोषणा की है कि 1 जुलाई से NEFT, RTGS, फंड ट्रांसफर वाया पेमेंट सिस्टम एवं अन्य इसी तरह के बैंकिंग ट्रांजेक्शन शुल्क मुक्त होंगे। आपको बता दें कि RTGS यानि रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम बड़े मूल्य के तात्कालिक फंड ट्रांसफर के लिए इस्तेमाल किया जाता है। जबकि NEFT यानि नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर सिस्टम का उपयोग 2 लाख रुपयों तक के फंड ट्रांसफर के लिए उपयोग किया जाता है।
देश के सबसे बड़े बैंक SBI ने 6 जून को अपनी मौद्रिक नीति की समीक्षा के बाद आरटीजीएस और एनईएफटी प्रणालियों पर लगने वाले शुल्मेंक को माफ करने का फैसला किया है। भारतीय स्टेट बैंक एनईएफटी के जरिये पैसा ट्रांसफर के लिए एक रुपये से पांच रुपये का शुल्क लेता है। वहीं आरटीजीएस के राशि ट्रांसफर करने के लिए वह पांच से 50 रुपये का शुल्क लेता है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंकों को सलाह दी जाती है कि वे आरटीजीएस और एनईएफटी प्रणाली से लेनदेन पर शुल्क समाप्त किए जाने का लाभ अपने ग्राहकों को मुहैया करें। रिजर्व बैंक आरटीजीएस और एनईएफटी के जरिये पैसा भेजने पर न्यूनतम शुल्क लगाता है, जबकि बैंक अपने ग्राहकों से काफी अधिक शुल्क वसूलते हैं। आरबीआई के अनुसार, 1 जुलाई से खाताधारकों को चेकबुक समेत 6 प्रकार की सुविधाएं मुफ्त उपलब्ध कराई जाएंगी। साथ ही आरबीआई ने कहा है कि बैंक इन सुविधाओं के लिए खाताधारकों से न्यूनतम राशि रखने के लिए नहीं कह सकते हैं।
प्राथमिक बचत बैंक जमा खाता (बीएसबीडी) से आशय ऐसे खातों से है जिसे शून्य राशि से खोला जा सकता है। इसमें कोई न्यूनतम राशि रखने की जरूरत नहीं है। आइए जानते हैं कि बेसिक अकाउंट धारकों को कौन-कौन सी सुविधाएं मिलने जा रही हैं…
2- जमा : आरबीआई ने बैंकों से कहा है कि वे ऐसे खाताधारकों को चेक या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से जमा की सुविधा भी प्रदान करें। इन खातों में केंद्रीय और राज्य एजेंसियों की ओर विभिन्न योजनाओं के तहत चेक या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से राशि जमा की जाती है।
3- जमा करने की सीमा : आरबीआई ने बेसिक खाताधारकों को महीने में कितनी बार भी पैसा जमा करने की सुविधा प्रदान की है। साथ ही जमा की जाने वाली राशि पर भी कोई सीमा नहीं होगी।
4- एटीएम का इस्तेमाल : आरबीआई ने सभी बैंकों से कहा है कि वह अपने बेसिक खाताधारकों को एक महीने में कम से कम चार बार निकासी की सुविधा प्रदान करें। इसमें एटीएम के जरिए की जाने वाली निकासी भी शामिल है।
5- एटीएम कार्ड : वित्तीय समावेशी अभियान के तहत आरबीआई ने बैंकों से कहा है कि वह सभी बेसिक खाताधारकों एटीएम कार्ड या एटीएम कम डेबिट कार्ड की सुविधा प्रदान करें।
6- चेकबुक : केंद्रीय बैंक ने कहा है कि सभी बैंक अपने बेसिक खाताधारकों को अन्य सुविधाओं के तहत चेकबुक जारी कर सकती हैं। आरबीआई ने कहा है कि बैंक इन सुविधाओं के लिए किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लेंगे। साथ ही ग्राहकों से खातों में न्यूनतम बैलेंस रखने के लिए भी नहीं कहेंगे।
अंग्रेजी में एक कहावत है ” All’s well that end is well” इसे आप हिंदी में “अंत भला तो सब भला” कह सकते हैं। 2014 में 282 लोकसभा सीटें जीतकर सहयोगी दलों के साथ मिलकर सरकार चला चुके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने पहले कार्यकाल में नोटबंदी करके आर्थिक जगत में अबतक का सबसे बड़ा धमाका किया था, लेकिन नोटबंदी के बाद उपजे संकट और अव्यवस्थाओं ने बैंकिंग सिस्टम को चरमरा दिया था। थोक के भाव में खोले गए जनधन खाते और फिर हर ट्रांजेक्शन पर शुल्क लगाकर, न्यूनतम बैलेंस नहीं रखने के नाम पर शुल्क लगाकर बैंक और मोदी सरकार पार्ट-वन ने जनता को खूब परेशान किया। खुद भाजपा सरकार में शामिल रहे लोग भी कुछ आर्थिक फैसलों को लेकर सहमत नहीं थे।