रायपुर,छत्तीसगढ़ में होने वाले आगामी नगरीय निकाय चुनाव को लेकर मंत्रिमंडल ने एक बड़ा फैसला किया है।महापौर,अध्यक्ष के लिए अप्रत्यक्ष तरीके से चुनाव के लिए सरकार की मुहर लग गई है। मध्य प्रदेश की तर्ज पर अब छत्तीसगढ़ में भी पार्षद ही महौपार,अध्यक्ष का चुनाव करेंगे। सरकार के इस फैसले के मुताबिक अब ईवीएम की जगह मतपत्र के जरिए निकाय चुनाव होगा।पार्षद ही महापौर,अध्यक्ष का चुनाव करेंगे। वहीं पार्षद से ही अध्यक्ष और महापौर बनाया जाएगा।छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक में निकाय चुनाव को लेकर एक प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। इस रिपोर्ट को अब कैबिनेट के सामने पेश किया जाएगा।इस फैसले के बाद साल के आखिर में होने वाले निकाय चुनाव में अब बड़ा निर्णय लेते हुए फेरबदल कर दिया गया है। हालांकि, सरकार ने इस ओर पहले से ही इशारा कर दिया था।अब कैबिनेट की अंतिम मुहर लगना बाकी है।
सरकार की उप समिति ने किया फैसला
नगरीय निकाय चुनाव समिति की बैठक खत्म होने के बाद कमेटी में शामिल कैबिनेट मंत्री शिव डहरिया, मोहम्मद अकबर और रविन्द्र चौबे ने मंत्रालय में ब्रीफिंग ली।चर्चा के दौरान मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया ने कहा कि समिति ने निर्णय लिया है कि अप्रत्यक्ष प्रणाली से ही नगरीय निकायों में चुनाव होंगे।पार्षद से ही महापौर,अध्यक्ष का चुनाव होगा। मतपत्रों से ही होगा नगरीय निकायों का चुनाव होगा।ईवीएम की जगह मतपत्रों से चुनाव कराने में निर्वाचन व्यय में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि आरक्षण रोस्टर के आधार पर जो पात्र हैं वही मेयर बन सकता हैं। वहीं, संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि नगरीय निकाय चुनाव राजनीतिक दलों के चुनाव सिम्बाल से ही होगा।