नई दिल्ली, 6 सितंबर
भारत अंतरिक्ष में इतिहास रचने से एक कदम दूर है और आज आधी रात के बाद इस एक कदम की दूरी को भी भारत पार कर जाएगा। शुक्रवार-शनिवार की आधी रात को चन्द्रयान-2 का लैंडर विक्रम ब्रह्ममुहूर्त में चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। इस ऐतिहासिक पल को देखने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसरो के बेंगलुरु दफ्तर में मौजूद रहेंगे। प्रधानमंत्री के साथ चांद पर चंद्रयान की सॉफ्ट लैंडिंग को देखने के लिए 70 खुशनसीब बच्चे भी इसरो कार्यालय में मौजूद रहेंगे। इन बच्चों ने बीते दिनों हुए क्विज कॉम्पिटीशन में जीत हासिल की थी।
यह ऐतिहासिक लम्हा इसरो के वैज्ञानिकों के लिए ‘दिल की धड़कनों को थमा देने वाला’ होगा। अगर भारत सफलतापूर्वक इस मिशन को अंजाम देता है तो वह चांद के साउथ पोल पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा जहां अभी तक कोई भी देश नहीं पहुंच सका है। यान के साथ गया लैंडर ‘विक्रम’ अपने साथ रोवर ‘प्रज्ञान’ को लेकर शनिवार तड़के डेढ़ से ढाई बजे के बीच चांद की सतह पर किसी भी क्षण उतर सकता है।
चंद्रयान 2 गत 22 जुलाई को अपने मिशन पर रवाना हुआ। इसे भारी भरकम रॉकेट जीएसएलवी मार्क-3 के जरिए पृथ्वी की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया गया। भारत के इस महात्वाकांक्षी चंद्रयान-2 का वजन 3850 किलोग्राम है। भारत के इस महात्वांकाक्षी मिशन पर नासा सहित दुनिया भर की नजर टिकी है।
ऑर्बिटर (Orbiter)- ऑर्बिटर ऊपर से चांद की सतह का निरीक्षण करेगा जो वैज्ञानिकों के बीच संदेश लाने और पहुंचाने का काम करेगा। ऑर्बिटर अपने पांच उपकरणों के साथ मंगल की परिक्रमा करता रहेगा तथा वैज्ञानिक उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए आंकड़े व तस्वीरें पृथ्वी पर भेजेगा ऑर्बिटर हाई रेजॉलूशन कैमरा है जो जो विक्रम लैंडर के उतरने से पहले ली गई तस्वीरों का विश्लेषण करेगा। उसके बाद सॉफ्ट लैंडिगं कराई जाएगी।
विक्रम लैंडर (Lander Vikram)- 35 किलो के विक्रम लैंडर का नाम भारत में अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक और इसरो के पूर्व प्रमुख डॉ. विक्रम साराभाई के सम्मान में रखा गया है। इस लैंडर के माध्यम से ही प्रज्ञान रोवर चांद की सतह पर उतरेगा इसमें सेंसर्स और पेलोड्स हैं। जैसे ही विक्रम लैंडर का रैंप खुलेगा तो 6 पहियों वाला प्रज्ञान रोवर चांद की सतह पर उतरेगा।
प्रज्ञान रोवर (Pragyan rover): भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा विकसित किया गया रोवर है। इसे चन्द्रयान 2 के साथ 22 जुलाई 2019 को लॉन्च किया गया। प्रज्ञान जिसका अर्थ संस्कृत में ‘ज्ञान’ है। यह चंद्रयान 2 मिशन का तीसरा घटक है जो यह बताएगा कि चंद्रमा में कौन सी चीज कहां मौजूद है। 27 किलो के प्रज्ञान रोवर में 50 वॉट तक बिजली पैदा करने की क्षमता है। सरल भाषा में कहें तो यह चांद पर घूमने वाली छह पहियों की एक छोटी गाड़ी है जो रोबोट से संचालित होती है। यह ‘लैंडिंग’ स्थल से 500 मीटर तक की दूरी तय करेगा और यह अपने परिचालन के लिए सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करेगा। यह लैंडर को जानकारी भेजेगा और लैंडर बेंगलुरु के पास ब्याललु स्थित इंडियन डीप स्पेस नेटवर्क को जानकारी भेजेगा।
लैंडिंग का सीधा प्रसारण करेगा नेशनल ज्योग्राफिक
इस मिशन की अहमियत को देखते हुए नेशनल ज्योग्राफिक चैनल ने इसका सीधा प्रसारण करने का फैसला किया है। चैनल पर इस कार्यक्रम को 6 सितंबर की रात 11.30 बजे से प्रसारित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में नासा के अंतरिक्षयात्री जेरी लिनेंगर अपने अनुभवों को साझा करेंगे। लिनेंगर ने कहा, ‘हाल के वर्षों में पृथ्वी से परे गुत्थियों के सुलझाने में भारत के अंतरिक्ष मिशन काफी महत्वपूर्ण रहे हैं। चंद्रयान-2 से काफी मदद मिलेगी। यह हमें चंद्रमा पर पानी की मौजूदगी के बारे में बताएगा। इस मिशन का लाभ केवल भारत को नहीं बल्कि पूरी मानवता को होगा। मैं इस ऐतिहासिक क्षण को देखने के लिए काफी उत्साहित हूं और सभी से अनुरोध करूंगा कि वे भारत को इतिहास बनाते हुए देखें।’ लिनेंगर रूस के स्पेस स्टेशन मीर में करीब पांच महीने रह चुके हैं।