बिलासपुर,एक तरफ विधानसभा चुनाव के पहले तक स्वयं शराबबंदी को लेकर छत्तीसगढ़ में स्थापित हुयी भुपेश सरकार के नौकरशाह अब मध्यप्रदेश की शराब गांवों में बेचने मजबूर कर रहे हैं, नही करने पर झूठे मामले में उलझाने की धमकी भी देने की घटना सामने आयी। मामला मस्तूरी आबकारी निरीक्षक आशीष सिंह द्वारा मध्यप्रदेश से अपनी कार में शराब लाकर बेचने ग्रामीणों को बाध्य करने का है मस्तूरी के ही ग्रामीण ने अब ऐसे दबावपूर्ण शराबखोरी करने की बजाय तंग, त्रस्त, हलाकान, परेशान ग्रामीण मस्तूरी निवासी रामकुमार सिंह ने अगर दस दिनों के भीतर आबकारी निरीक्षक आशीष सिंह पर ठोस कार्यवाही ना होने पर माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष इच्छा मृत्यु की मांग की जावेगी।
बता दें पीड़ित मस्तूरी निवासी रामकुमार सिंह ने बिलासपुर कलेक्टर के मार्फत सरकार के लिए एक ज्ञापन सौंपा है जिसमे रामकुमार सिंह द्वारा पूर्व में अवैध शराब बेचने का काम करना बताया गया जिसे आबकारी निरीक्षक आशीष सिंह द्वारा ही कार्यवाही की गई। रामकुमार सिंह का आबकारी निरीक्षक आशीष सिंह पर जब्त किए शराब के पांच गुना दाम लेने के बाद बगैर कोई मामला दर्ज किये रफादफा कर दिया गया था।अब वह दो वर्षों से अवैध शराब का काम बंद कर दिया है। आशीष सिंह का कहना है कि विधानसभा चुनाव के बाद से मस्तूरी क्षेत्र में अवैध शराब विक्रय पूरे शबाब पर चल रही है।आबकारी निरीक्षक आशीष सिंह द्वारा मध्यप्रदेश से अपनी कार में शराब लाकर यहां ग्रामीणों को बेचने मजबूर किया जा रहा है। आबकारी निरीक्षक आशीष सिंह द्वारा भयपूर्ण माहौल से शराब बिकवाने में ग्रामीणों में भयंकर आक्रोश बना हुआ है।
शासन, प्रशासन को पैसा पहुंचाता हूं-
शिकायतकर्ता रामकुमार सिंह के मुताबिक ग्रामीणों से आबकारी निरीक्षक आशीष सिंह की पहुंच मंत्री, अधिकारियों के पास है। तुम लोग कमाकर नही दोगे तो भरपाई कहां से होगी।मैं जब तक चाहूंगा बिलासपुर पदस्थ रहूंगा,शिकायतों से मेरा कुछ नही बिगड़ने वाला।
शिकायतकर्ता बयान दर्ज कराये, जांच करा दूंगा-विकास गोस्वामी
इस संबंध में हाल ही में बिलासपुर पदस्थ सहायक आबकारी आयुक्त विकास गोस्वामी ने मामले में शिकायतकर्ता रामकुमार सिंह उनके समक्ष आकर बयान दर्ज कराए दोषी पाए जाने पर कार्यवाही निश्चित की जाएगी। श्री गोस्वामी का कहना है इस संबंध में मैने स्वयं दो बार आबकारी निरीक्षक आशीष सिंह से बात करना चाही,मगर मोबाइल अस्तित्व में होंने के बावजूद काल रिसीव नही किया।और माध्यम से भी आबकारी निरीक्षक आशीष सिंह का पक्ष जानना चाहे मगर कोई जवाब नही मिला है।
अनुसाशन में नही रहने के बावजूद रिलीव नही करने की मजबूरी-
एक तरफ एक अदना सा निरीक्षक अपने वरिष्ठ अधिकारी का फ़ोन रिसीव नही कर रहा विभागीय कोई जवाब प्रस्तुत नही कर रहा हो और वो निरीक्षक का स्थानांतरण कही और हो गया हो फिर सहायक आबकारी आयुक्त विकास गोस्वामी द्वारा अन्य बिलासपुर में पदस्थ हुए आबकारी निरीक्षक के ज्वानिंग बाद स्थानांतरित आबकारी निरीक्षक आशीष सिंह को भारमुक्त करने की बात कही गयी।