नई दिल्ली,
पैसा पेड़ पर नहीं लगता, इसे कमाना पड़ता है, इस बात को हर कोई जानता है लेकिन क्या आप जानते हैं, कि कुछ स्कीम में पैसा लगाकर आप दोगुने से ज्यादा का रिटर्न पा सकते हैं। अगर नहीं तो हम आपको बताते हैं कि कैसे आप अपने पैसे को डबल इनकम में बदल सकते हैं।
आम भारतीयों की धारणा है कि जो भी कमाया जाता है उस पैसे को वो अपने सेविंग बैंक अकाउंट में जा कर देते हैं। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि बचत खाते में रखा हुआ पैसा आपको उतना फायदा नहीं देता है जितना कि अन्य बचत खाते। तो चलिए आपको बताते हैं कि आप कैसे अपने रुपये को दो गुना कर सकते हैं और ज्यादा रिटर्न पा सकते हैं।
सेविंग अकाउंट: अगर सेविंग अकाउंट में हर माह 10 हजार रुपए जमा करते हैं तो आपको एक साल में 1,20,000 रुपए जमा करने होंगे। वहीं, सालाना 3.5 फीसदी मिलने वाले ब्याज के हिसाब से एक साल में आपका 1,24,420 रुपए हो जाएगा। यानी आपको साल में 4420 रुपए अतिरिक्त मिले।
RD यानि रिकरिंग डिपॉजिट : अगर आरडी में हर महीने 10 हजार रुपए तक जमा करते हैं तो साल में 1,20,000 रुपए जमा करने होंगे। वहीं, आपको पोस्ट ऑफिस में आरडी करने पर सालाना 7.1 फीसदी ब्याज मिलता है। जिस लिहाज से आपके पैसे एक साल में 128520 रुपए हो जाएंगे। यानी आपको 8520 रुपए अतिरिक्त मिले। अगर कंपाउंडिंग इंटरवल क्वार्टली है तो भी आपको एक साल में 125420 रुपए यानी 5420 रुपए अतिरिक्त मिलेंगे।
असल में कई बैंकों में भी आरडी स्कीम है, लेकिन इस स्कीम पर पोस्ट ऑफिस में दूसरे बैंकों की तुलना में ज्यादा ब्याज मिल रहा है। जहां, एसबीआई, देना बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, इलाहाबाद बैंक और आंध्रा बैंक 1 साल से 5 साल की आरडी पर 6.5 फीसदी से 7 फीसदी तक ब्याज दे रहे हैं। वहीं, पोस्ट ऑफिस की 1 साल से 5 साल की आरडी स्कीम पर 7.10 फीसदी सालाना ब्याज मिल रहा है।
पोस्ट ऑफिस में एफडी के बराबर मिल रहा है ब्याज
सुरक्षित निवेश के लिए एक और जरिया बैंक एफडी है, जिसमें आपको ज्यादा इंट्रेस्ट तो मिलता है, लेकिन आपको बड़ी राशि एक साथ लंबे समय के लिए लॉक-इन करनी पड़ती है। वहीं, में आप छोटी जमा राशि को हर महीने डिपॉजिट कर एफडी जितना ब्याज पा सकते हैं। ऐसे में बचत खाते पर दोगुना ब्याज हासिल करने का आसान तरीका है रेकरिंग डिपॉजिट यानि आरडी।
आरडी के फायदे
-रेकरिंग डिपॉजिट निवेशक की सेविंग पर निर्भर करता है और हर महीने एक तय राशि का निवेश इसमें कर सकते हैं।
-आरडी के लॉक इन फीचर के तहत शुरुआत से आखिर तक ब्याज दर एक समान रहती है और डिपॉजिट पर इंटरेस्ट रेट शुरुआत में ही लॉक इन हो जाता है। यानी ब्याज दर कम होने पर आरडी में फायदा होता है।
-रेकरिंग डिपॉजिट से सेविंग मैनेजमेंट आसान होता है और बार बार फिक्स डिपॉजिट की परेशानी से राहत मिल जाती है।
-आरडी में अकाउंट खोलते समय ही टाइम पररियड तय हो जाता है। टाइम पीरियड खत्म होने पर आपको ब्याज समेत पूरा भुगतान मिल जाता है।
-आरडी की खासियत है कि इसमें नियमित निवेश के साथ फिक्स डिपॉजिट के फायदे मिलते हैं। ब्याज तय होने से आय की निश्चितता रहती है और बैंकों की ओर से ऑफर मिलने से सहूलियत रहती है। आरडी में एक खास लक्ष्य के लिए रकम इकट्ठा की जा सकती है।
-आरडी 10 साल तक हो सकती है। इसमें लंबे समय का इनवेस्टमेंट प्लान बनाया जा सकता है।
ऐसे शुरू करें रेकरिंग डिपॉजिट
आरडी अकाउंट पोस्ट ऑफिस, बैंक जाकर या ऑनलाइन भी खोला जा सकता है। आप मोबाइल एप से भी आरडी खुलवा सकते हैं। अगर आप पोस्ट ऑफिस में आरडी खुलवा रहे हैं तो कैश और चेक देकर खुलवा सकते हैं। आपका अकाउंट एक पोस्ट आफिस से दूसरे पोस्ट ऑफिस ट्रांसफर हो सकता है। दो एडल्ट के नाम से ज्वॉइंट अकाउंट भी खुल सकता है। आरडी अकाउंट खोलने के पहले देख लें कि कहां कितना ब्याज मिल रहा है। अगर आरडी पर 10 हजार से ज्यादा ब्याज मिलता है तो वह टैक्सेबल होगा।