रांची, फेसबुक पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में ऋचा पटेल उर्फ ​​ऋचा भारती को कुरान की प्रतियां बांटने के आदेश को रांची की अदालत ने वापस ले लिया है। सहायक लोक अभियोजक के लिखित अनुरोध के बाद अदालत ने अपना फैसला वापस ले लिया है।

अदालत के पहले के फैसले का स्थानीय बार एसोसिएशन ने विरोध किया था। इसके विरोध में वकीलों ने आगामी 48 घंटेो तक के लिए जज मनीष सिंह की अदालत का बहिष्कार करने का फैसला लिया है।

हम आपको बताते हैं कि अदालत ने ऋचा भारती को सशर्त जमानत देते हुए जमानत मंजूर की थी कि वे बाहर आकर कुरान की 5 मुद्राओं बांटेंगी। ऋचा भारती ने अदालत के आदेश को मानने से इनकार कर दिया था.महोने कहा कि मैं निचली अदालत के फैसले की प्रति का इंतजार कर रहा हूं, इसलिए अदालत के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जा सकूं। अदालत के फैसले पर ऋचा भारती ने असन्तुश जताते हुए कहा, कि मैं कोर्ट का सम्मान करता हूं, लेकिन कुरान बांटने का कोर्ट का आदेश मुझे सही नहीं लग रहा है और मैं काफी अपमानित महसूस कर रहा हूं।मैंने अपने धर्म की बात का था। मेरा उद्देश्य किसी भी धर्म का अपमान करना नहीं था। अचानक पिथोरिया पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

पूरा मामला क्या है: –

पिछले 12 जुलाई को फेसबुक पर विवादित टिप्पणी करने के आरोप में ऋचा भारती को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। सोमवार को सुनवाई के दौरान न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार सिंह की अदालत ने ऋचा को सशर्त जमानत दी थी। जमानत पर सुनवाई करते हुए न्यायिक दंडाधिकारी ने उन्हें 15 दिन के भीतर कुरान की पांच श्रेणियों बांटने का आदेश दिया था।

ऋचा भारती के खिलाफ सदर अंजुमन कमेटी ने बैकोरिया थाने में उनकी पोस्ट पर एतराज करते हुए इससे आपसी सामाजिक साम्प्रदायिक व्यवहार अभिव्यक्ति बिगडने की अशोक जताते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके बाद ऋचा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।

0Shares
loading...

You missed