कुम्हारी, 25 नवंबर

किसी भी स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी अथवा शैक्षिक संस्थान में एल्युमिनाई मीट एक ऐसा अवसर होता है। जहां आप अपने संघर्ष, सफलता और कामयाबी की कहानी अपने उन दोस्तों से साझा करते हैं जिनके बिना कभी आपको चैन नहीं मिलता था। एल्युमिनाई मीट में छात्र अपने उन शिक्षकों को दिल से धन्यवाद देते हैं। जिनके मार्गदर्शन की बदौलत छात्र कामयाबी की बुलंदियां छूते हैं। लेकिन मामला तब भावुक हो जाता है जब मंच पर अपनी बात साझा करते-करते किसी की आंखों से गंगा बह निकले। मुंह से शब्द नहीं फूटे और फफक-फफक कर रोना आ जाए।

जी हां, श्री रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी, कुम्हारी की एल्युमिनाई मीट के मौके पर ऐसे मौके कई बार देखने को मिले। एसआरआईपी की एल्यूमिनाई मीट में भावनाओं का ज्वार कई बार चढ़ा और कई बार उतरा। हालांकि बीच-बीच में माहौल को नॉर्मल करने के लिए कुछ छात्रों द्वारा हंसी ठिठोली और मजाकिया दौर भी चलाया गया, लेकिन भावनाओं का वेग इतना ज्यादा था कि वहां मौजूद शिक्षक भी अपने आंसुओं पर काबू नहीं रख पाए।

ऐसे नजारे शादी-ब्याह में देखना आम है लेकिन गुरु और शिष्यों के मिलन और अपने पुराने दोस्तों के साथ बैठकर फिर से कॉलेज लाइफ को याद करते समय भावुक हो जाने के किस्से कम ही सुनने को मिलते है। एसआरआईपी ने बीते 23 नवंबर को अपने कॉलेज के पूर्व छात्रों को रीयूनाइट करने के लिए एल्युमिनाई मीट का आयोजन रखा था। जिसमें अब तक पढ़कर निकले सभी पूर्व छात्रों को बुलाया गया था। इस दौरान जूनियर छात्र भी मौजूद रहे। जूनियर्स ने अपने सुपर सीनियर्स  को फूलों की माला और गुलदस्ते भेंटकर स्वागत किया।

इसके बाद शुरु हुआ अपनी पढ़ाई, संघर्ष और सफलता की कहानियां सुनाने का सिलसिला। हर किसी ने कॉलेज के दिनों के अपने किस्से अलग-अलग अंदाज में सुनाये। लेकिन सभी के वकत्व्यों में एक समान था तो वो था कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. चंचलदीप कौर और अपनी टीचर्स के प्रति सम्मान, आभार और बार-बार दिया गया धन्यवाद।

इस अवसर पर एसआरआईपी की प्रिंसिपल डॉ. चंचलदीप कौर ने कहा कि उनके पढ़ाये छात्र आज देश के कोने-कोने में उनका नाम रौशन कर रहे हैँ। कामयाबी के शिखर पर बैठे पूर्व छात्र जब उन्हें अपनी सफलता का श्रेय देते हैं तो आंसुओं का जाना स्वाभाविक है।

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