रायपुर, 14 दिसंबर 2019

रमन सिंह शासन काल में भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री का चेहरा चमकाने वाली डिजिटल एवं पीआर कंपनी कंसोल इंडिया को लेकर कांग्रेस ने बड़ा बयान दिया है। कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा कि कंसोल इंडिया की आड़ में भाजपा ने दोनों हाथों से जनता का धन लुटाया और इस पैसे का दुरुपयोग रमन सिंह ने अपना राजनैतिक हित साधने में किया। कंसोल इंडिया पर आर्थिक अपराध शाखा द्वारा केस दर्ज करने के बाद कांग्रेस की ओर से ये तीखी प्रतिक्रिया आई है। शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा कि भाजपा शासनकाल में कांग्रेस धन के दुरुपयोग के जो आरोप लगाती आई थी, आज वो एक-एक करके सही साबित हो रहे हैं। त्रिवेदी ने कहा कि कंसोल इंडिया में रमन सिंह के पुत्र अभिषेक सिंह के करीबी लोग शामिल थे, जो सिर्फ औऱ सिर्फ भाजपा औऱ रमन सिंह के लिए काम कर रहे थे। जबकि पैसा शासकीय कोष से लिया जा रहा था।

त्रिवेदी ने कहा कि विधानसभा चुनाव 2018 के मतदान के ठीक एक दिन पहले कर्जमाफी की फर्जी चिट्ठी वायरल कर मतदाताओं और किसानों में भ्रम फैलाकर कांग्रेस को चुनावी नुकसान पहुंचाने की साजिश कंसोल के द्रवारा ही रची गई थी। तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल की छवि बिगाड़ने के उद्देश्य से कंसोल इंडिया ने ‘‘भूपिया हस का’’ पेज बनाया था।

रमन सिंह के ओएसडी अरूण बिसेन की पत्नी जागेश्वरी बिसेन को एनआरडीए में 1 लाख रुपये की तनख्वाह पर नियुक्ति देिलाने के लिए कंसोल इंडिया कंपनी ने ही फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र जारी किया था।

कांग्रेस नेता ने कहा कि रमन सिंह और भारतीय जनता पार्टी दोनों ने कंसोल इंडिया के साथ मिलकर राजनीतीक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए जनता की गाढ़ी कमाई का दुरुपयोग किया। जनसंपर्क विभाग मुख्यमंत्री रमन सिंह के पास था।


संवाद और जनसंपर्क के अधिकारियों के द्वारा आपस में सहमति कर एवं कंसोल इंडिया के साथ मिलकर आपराधिक षड़यंत्र कर केवल कंसोल इंडिया को अधिक दर पर निविदा प्रदान कर राज्य शासन के साथ धोखाधड़ी कर आर्थिक हानि कारित की गयी तथा स्वयं को तथा कंसोल इंडिया को आर्थिक लाभ प्रदान किया गया जो एक आपराधिक कृत्य है तथा धारा 7सी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 यथा संशोधित (संशोधन) अधिनियम 2018 एवं धारा 420, 120बी भा.द.वि. के तहत दण्डनीय अपराध है।

कंसोल इंडिया और उनके सहयोगियों पर ईओडब्ल्यू द्वारा धारा 7सी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 और धारा 420, 120बी का अपराध पंजीबद्ध किया गया है।

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