नई दिल्ली 26 फरवरी 2020,
केन्द्रीय कैबिनेट ने सरोगेसी रेगुलेशन बिल 2020 के मसौदे को हरी झंडी दिखा दी है। अब 35 से 45 वर्ष की विधवा और तलाकशुदा महिलाएं भी इसके जरिये मां बन सकेंगी। लेकिन किसी विदेशी महिला को भारत आकर सरोगेसी के जरिये बच्चा पैदा करने की इजाजत बिल में नहीं दी गई है। बिल के मसौदे के मुताबिक कोई भी महिला अपनी इच्छा से सरोगेट मदर बन सकती है। इससे नि:संतान दंपत्तियों, विधवा एवं तलाकशुदा महिलाओं को लाभ मिलेगा। संसद की सलेक्ट कमेटी ने पुराने बिल के मसौदे का अध्ययन करके किराये की कोख के व्यापार पर प्रतिबंध लगाने की बात कही थी, लेकिन नए बिल में इसे नैतिक रूप देने की बात कही गई है।
कैबिनेट बैठक के बाद महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि प्रस्तावित बिल से सिर्फ भारतीय जोड़े ही सरोगेसी का लाभ ले सकेंगे। बिल के मुताबिक केन्द्र में नेशनल सरोगेसी बोर्ड और राज्यों में स्टेट सरोगेसी बोर्ड बनाने का प्रावधान किया गया है। ये बोर्ड अलग-अलग स्तर पर सरोगेसी प्रक्रिया की निगरानी करेंगे। केन्द्र शासित प्रदेशों में भी सक्षम अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी।
सरोगेट मदर के लिए बीमा कवर की अवधि को बढ़ाकर 36 महीने कर दिया गया है। जबकि पुराने बिल में ये 16 महीने ही था।
व्यावसायिक सरोगेसी पर प्रतिबंध लेगा, कोई भी विदेशी व्यक्ति भारतर आकर सरोगेसी के जरिये बच्चे पैदा नहीं कर सकेगा।