नई दिल्ली, 17 मार्च 2020

कोरोना वायरस के ख़तरे के मद्देनज़र संसद के बजट सत्र को जल्दी खत्म करने की मांग हो रही है. कांग्रेस और विपक्षी दलों के अलावा एनडीए के सहयोगी दलों ने भी ऐसी ही मांग की है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इससे सहमत नहीं हैं.

‘सत्र जल्दी खत्म करने से गलत संदेश जाएगा’
मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी संसदीय दल की बैठक को सम्बोधित किया. अपने सम्बोधन में प्रधानमंत्री ने उन सभी अटकलों पर विराम लगा दिया, जिसमें संसद के वर्तमान बजट सत्र को 3 अप्रैल के तय समय से पहले खत्म करने की बात की जा रही थी. पीएम मोदी ने बीजेपी सांसदों से दो टूक शब्दों में कहा कि सत्र को जल्दी खत्म करने से देश में घबराहट का माहौल पैदा हो सकता है. पीएम ने कहा कि ऐसे समय में सत्र पहले खत्म करने से लोगों में गलत संदेश जाएगा. मोदी ने कहा कि आज ज़रूरत जागरूकता और ऐहतियात की है, न की घबराहट की.

‘लीडर चुनौती से भाग नहीं सकता’
पीएम ने ये माना कि भारत जैसे देश के लिए कोरोना की चुनौती ज़्यादा बड़ी है, क्योंकि संसाधनों के मामले में भारत में समस्याएं हैं. लेकिन ऐसे में जो सरकार और शासन की अगुवाई करता है, वो चुनौती से भाग नहीं सकता. पीएम ने सांसदों से कहा कि सभी सांसद अपने अपने क्षेत्र के लीडर हैं और उन्हें उदाहरण पेश करना चाहिए. सभी सांसद 130 करोड़ देशवासियों में से ही आते हैं और इस नाते जो उनके साथ होगा वही हम सबके साथ होगा.

’14 अप्रैल तक ज़्यादा सजग रहें’
पीएम ने सांसदों से 14 अप्रैल तक सबसे ज़्यादा सजग रहने को कहा है. संसदीय दल की बैठक में मौजूद बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा को निर्देश देते हुए पीएम ने विपक्षी शासन वाले राज्यों में चल रहे पार्टी के सभी आंदोलनों को भी 15 अप्रैल तक रद्द करने को कहा है. पीएम ने कहा कि अगर ज़रूरत पड़े, तो अधिकारियों को ज्ञापन देकर अपनी बात कह सकते हैं.

इधर महाराष्ट्र में अगले 7 दिनों तक बंद रहेंगे सभी सरकारी दफ्तर, कैबिनेट बैठक में फैसला लिया गया है।

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