नई दिल्ली, 10 अगस्त 2020
वैश्विक महामारी के दौर में जारी वैश्विक मंदी और आर्थिक संकट के बीच कोरोना संकट ने पूरी की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ कर रख दी है. भारत भी इससे अछूता नहीं है. बड़े पैमाने पर लोगों के सामने रोजगार का संकट है और सरकार के सामने अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने का। ऐसे में पूर्व पीएम और जाने माने अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह ने अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए सरकार को तीन महत्वपूर्ण टिप्स दिए हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस स्थिति से निकलने के लिए बड़े कदम उठाने पड़ेंगे.
बीबीसी से बात करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री ने सरकार को पहली टिप देते हुए कहा कि लोगों की आजीविका सुरक्षित करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार को प्रयास करना चाहिए लोगों की नौकरियां ना जाएं. इसके साथ ही उन्हें आर्थिक मदद देकर उनके खर्च करने की क्षमता को बनाए रखना चाहिए.
पूर्व प्रधानमंत्री ने सरकार को दूसरा सुझाव देते हुए कहा कि सरकार को सरकारी क्रेडिट गारंटी कार्यक्रमों के जरिए व्यापार और उद्योगों को पर्याप्त पूंजी उपलब्ध कराना चाहिए.
तीसरे सुझाव में डॉ. सिंह ने कहा कि सरकार को फाइनेंशियल सेक्टर में संस्थागत स्वायत्तता और प्रक्रियाओं के जरिए सुधार लाना होगा.
मनमोहन सिंह ने एक वीडियो संदेश में कहा, ”सबसे ज़्यादा चिंताजनक स्थिति मैन्युफ़ैक्चरिंग सेक्टर की है, जहां वृद्धि दर 0.6 फ़ीसदी पर आ गई है. इससे साफ़ है कि हमारी अर्थव्यवस्था सरकार की ग़लतियों से उबर नहीं पाई है. जीएसटी को जल्दीबाजी में लागू किया गया. घरेलू मांगों में गिरावट आ रही है. खपत वृद्धि दर पिछले 18 महीने के सबसे निचले स्तर पर आ गई है. टैक्स को जटिल बना दिया गया. निवेशकों में निराशा है.”
मनमोहन सिंह ने कहा कि मोदी सरकार की ख़राब नीतियों के कारण जॉबलेस ग्रोथ को बढ़ावा मिल रहा है. पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, ”ऑटोमोबिल सेक्टर में 3.5 लाख लोगों को नौकरियों से हाथ धोना पड़ा. बड़ी संख्या में लोग असंगठित क्षेत्र में भी बेरोज़गार हुए हैं. ग्रामीण भारत की हालत बहुत ही ख़राब है. किसानों को उचित क़ीमत नहीं मिल रही है और ग्रामीण आय में भी लगातार गिरावट आ रही है. संस्थानों की स्वायत्तता ख़त्म की जा रही है. सरकार ने आरबीआई से 1.76 लाख करोड़ रुपए ले लिए लेकिन इसके इस्तेमाल की कोई योजना नहीं है.”
राहुल गांधी ने भी अर्थव्यवस्था को लेकर हमला बोला
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के नोटबंदी, जीएसटी को ‘त्रुटिपूर्ण’ तरीके से लागू करने और लॉकडाउन के फैसले ने देश के आर्थिक ढांचे को “तबाह” कर दिया.
राहुल गांधी ने आरोप लगाया, “नरेंद्र मोदी जब प्रधानमंत्री बने थे तो उन्होंने देश के युवाओं से वादा किया था कि वह हर साल दो करोड़ रोजगार देंगे. उन्होंने एक सपना बेचा लेकिन हकीकत यह है कि नरेंद्र मोदी की नीतियों की वजह से 14 करोड़ लोग बेरोजगार हो गए.”बता दें कि कांग्रेस ने रविवार को “रोजगार दो” अभियान की शुरुआत की है.