रायपुर, पूर्व भाजपा मंत्री के बलात्कारी सगे चाचा बाबूलाल अग्रवाल उर्फ तोता की अग्रिम जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। हम आपको बता दें कि रायगढ़ जिले में खरसिया के बहुचर्चित दुष्कर्म मामले में आरोपित बाबूलाल अग्रवाल को तगड़ा झटका लगा है,पिछले दिनों छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने उसकी अग्रिम ज़मानत याचिका खारिज़ कर दी।


बता दें कि भाजपा के पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल के चाचा बाबूलाल अग्रवाल पर एक आदिवासी नाबालिग ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था।

इस मामले में राजनीतिक हस्तक्षेप और सामाजिक संगठनों के दवाब के बाद कार्रवाई करते हुए आरोपी के खिलाफ  पुलिस ने पोस्को एक्ट सहित 376 के तहत मामला दर्ज कर लिया था,मामला दर्ज होते ही बाबूलाल अग्रवाल गिरफ्तारी के डर से फ़रार हो गया था।

पूरा मामला प्रदेश के एक बड़े राजनीतिक घराने से जुड़ा हुआ और आरोपी के हाई-प्रोफाइल होने की वजह से पुलिस ने भी उसकी गिरफ्तारी को लेकर कोई दिलचस्पी नही दिखाई थी। इस पूरे मामले को अब पूरे चार माह बीत चुके हैं,कथित तौर पर पुलिस ने बाबूलाल अग्रवाल को अग्रिम ज़मानत के लिए पूरा वक़्त दिया,

ताकि आरोपी कोर्ट से अपनी जमानत करवा सके। लेकिन अब उच्च न्यायालय ने पुलिस और बाबूलाल की पूरी मेहनत पर पानी फेरते हुए,उसकी अग्रिम जमानत याचिका ये कहते हुए खारिज कर दी है कि, पीड़ित लड़की अभी नाबालिग़ है,और उसके साथ हुए दुष्कर्म को देखते हुए आरोपित को अग्रिम ज़मानत देना मुनासिब नही है।

 

बहरहाल हाईकोर्ट ने तो स्पष्ट कर दिया है कि न्यायालय ऐसे संगीन मामलों को लेकर कितना गंभीर है।अब पूरी बात पुलिस की भूमिका पर आकर समाप्त हो जाती है।क्योंकि पुलिस की भूमिका इस मामले में शुरू से ही संदिग्ध नजर आ रही है।देखना बड़ा ही दिलचस्प होगा कि भाजपा के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री के बलात्कारी चाचा को इस अदालती फैसले के बाद भी रायगढ़ जिले की पुलिस गिरफ्तार करने का हौसला जुटा पाती है कि नही।

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