चंद्रयान 2 मिशन की सफलता के पीछे अगर किसी को सबसे बड़ा श्रेय जाता है, तो वो हैं इसरो के प्रमुख के. सीवन। तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले में एक स्थानीय परिवार में पैदा हुए, एक सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले एक किसान के  बेटे आज भारत की प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के प्रमुख के रूप में पदभार संभाल रहे हैं। इनके प्रयासों से आज भारत का सिर विश्व के सामने गर्व से ऊंचा हो गया है।

कन्याकुमारी जिले के तरक्कानविल्लई के मूल निवासी कैलासादिवु सिवन अपने परिवार में पहले स्नातक हैं। उनके चाचा ए शनमुगवेल ने कहा, “सिवन एक बहुत ही साधारण परिवार से है। उनके पिता एक किसान थे। उन्होंने कहा कि परिवार में पहला स्नातक है। ”

सिवान के छात्र दिनों को याद करते हुए उनके चाचा ने कहा कि सिवन स्व-निर्मित, अध्ययनशील और मेहनती और धार्मिक प्रवृत्ति का था। वह कभी किसी ट्यूशन या कोचिंग क्लासेस में नहीं गया। सिवन अपने पैदल 06 किमी का सफर तय कर सरकारी इन्टरकालेज पढ़ने जाया करते थे।
उन्होंने तमिल माध्यम में तरक्कानविल्लई और पड़ोसी वेलंगुमारविलाय में सरकारी स्कूलों में अध्ययन किया। बाद में, उन्होंने नागरकोइल में एसटी हिंदू कॉलेज से स्नातक किया।

जानकारी के मुताबिक के. सीवान ने अपने कार्यकाल में इसरो के प्रमुख का कार्यभार संभालने के बाद इन्होनें काफी बड़े फैसले लिए हैं। पिछले दिनों ही के सीवान ने अंतरिक्ष में भारत का अपना Centre बनाने की बात भी कही थी। के सीवान की अगुवाही में चंद्रयान 2 की सफलता इस बात का सबूत है कि वे इसरो को सही दिशा में लेकर जा रहे हैं।


चंद्रयान 2 मिशन भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। अगर चंद्रयान 2 मिशन लॉन्च होने के साथ-साथ सफल हो जाता है, तो इसरो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाली पहली अंतरिक्ष एजेंसी बन जाएगी। चंद्रयान 2 भी पहला भारतीय मिशन है जो घर में विकसित तकनीक के साथ चंद्र क्षेत्र का पता लगाएगा । यदि चंद्रयान 2 मिशन सफल हो जाता है तो भारत चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन जाएगा।
2008 में चंद्रमा पर अपने पहले मिशन के दौरान इसरो को चंद्रमा पर पानी मिला था । इस बार अंतरिक्ष-एजेंसी इस खोज को एक कदम आगे ले जाना चाहती है। विशेषज्ञों ने कहा कि यह अभियान चेन्नई में मौजूदा पानी की कमी के लिए बहुत जरूरी उपाय पेश कर सकता है। भारत चंद्रमा की सतह पर हीलियम -3 के अस्तित्व की पहचान करने की कोशिश कर रहा है।

 

पीएमनेकहा देश को आप पर गर्व है:-

चंद्रयान-2  

के सफल प्रक्षेपण के बाद इसरो चीफ और पूरी टीम को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने के.शिवन की तारीफ करते हुए कहा कि आज पूरा देश आपकी वजह से खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा है और हमे आपके ऊपर गर्व है।

पानी की समस्या होगी दूर ;-

गैर-रेडियोधर्मी हीलियम -3 को सदियों से परमाणु नाभिकीय संलयन रिएक्टरों की क्षमता के रूप में जाना जाता है। चेन्नई एक तटीय शहर होने के बावजूद पीने के पानी की कमी से समस्या से जूझ रहा है। विलवणीकरण प्रक्रिया में समुद्री जल को पीने योग्य बनाया जाता है। इस विलवणीकरण प्रक्रिया के लिए एक अत्यधिक ऊर्जा वाली तकनीक की आवश्यकता होती है। यहाँ, हीलियम -3 बेस्ड ऊर्जा बहुत काम आ सकती है।

वैश्विक गठबंधन को मिलेगा बढ़ावा:-

इसरो ने कहा है कि चंद्रयान 2 मिशन न केवल चंद्रमा को समझने में तो सुधार लाएगा ही बल्कि इससे भारत और मानवता को भी लाभ होगा। चंद्रयान 2 मिशन अंतरिक्ष के बारे में समझ को भी बढ़ाएगा और साथ ही तकनीकी प्रगति और वैश्विक गठजोड़ को भी बढ़ावा देगा।

चंद्रमा से जुड़े कई रहस्य होंगे उजागर :-

चंद्रयान 2 मिशन चंद्रमा की उत्पत्ति और विकास का पता लगाने के लिए आवश्यक है। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि चंद्रमा पृथ्वी के प्रारंभिक इतिहास से जुड़ा हुआ है। इसरो के अनुसार चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर क्रेटर हैं जिनमें प्रारंभिक सौर मंडल का जीवाश्म रिकॉर्ड है। इनका अध्ययन इसरो को ब्रह्मांड के रहस्यों को जानने में मदद करेंगे।

यूथ इनोवेशन को मोटिवेट करेगी :-

युवाओं को मिलने वाली बड़ी चुनौतियां न सिर्फ इनोवेशन को बढ़ाएगी बल्कि इससे भविष्य के अनुसंधान और विकास को गति मिलेगी।

नए आर्थिक संभावनाओं की होगी खोज:-
उद्योग हमेशा इसरो के अंतरिक्ष कार्यक्रम में भागीदार रहा है और इससे भविष्य में बड़े अवसर हैं। भारत की कामयाबी से वहां बेस कैम्प बनाने की संभावनायें बढ़ेंगी।

Pic@google.

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