रायपुर, 10 मई

न्यूयॉर्क से प्रकाशित होने वाली ग्लोबल मैग्जीन ‘टाइम’ ने 20 मई को जारी होने वाले अपने एशिया एडिशन के कवर पेज पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तस्वीर छापी है। लेकिन मैग्जीन ने कवर पेज के साथ टाइटल दिया है ‘ INDIA’S DIVIDER IN CHIEF’ यानि ‘भारत को बांटने वालों का प्रमुख’।

टाइम मैग्जीन के कवर पेज पर जगह पाना हर किसी के लिए बड़ी बात होती है, लेकिन मोदी की तस्वीर के साथ मैग्जीन ने जो टाइटल दिया है, उसने भारत और प्रधानमंत्री की छवि को कमतर कर दिया है। हालांकि अभी मैग्जीन छपकर बाजार में आई नहीं है, 20 मई को इस कवर पेज के साथ मैग्जीन बाजार में उतरेगी, लेकिन मैग्जीन की ओर से अपने कवर पेज को सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया गया है। जिसके बाद भारत के राजनीतिक गलियारों में भूचाल मच गया है। मैग्जीन में मोदी के फोटो के साथ दिये गए टाइटल को लेकर लोग सोशल मीडिया पर तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं।

मैग्जीन ने मोदी और उनकी सरकार के पिछले 5 साल के कामकाज को लेकर लीड स्टोरी तैयार की है। जिसमें नेहरू का समाजवाद और भारत की मौजूदा सामाजिक स्थितियों की तुलना की गई है। लीड स्टोरी  कहा गया है कि नरेन्द्र मोदी ने भारत की महान शख्सियत रहे, नेहरू, इंदिरा, राजीव आदि पर राजनीतिक हमले किये हैं और कांग्रेस मुक्त भारत की वकालत की है। इसी लेख में आतिश तासीर नाम के एक पत्रकार ने लिखा है कि नरेन्द्र मोदी ने भारत में हिंदू और मुसलमानों के बीच भाई-चारे की भावना को बढ़ाने की दिशा में न कोई कदम उठाया और न ही इच्छा जताई।

मैग्जीन ने अपनी कवर स्टोरी में मोदी को भारत की सर्वधर्म समभाव और अनेकता में एकता की मूल भावना को ठेस पहुंचाने वाला बताया है। मैग्जीन ने लिखा है कि भारत में जिस उदार संस्कृति की बात की जाती है वहां वर्तमान में धार्मिक राष्ट्रवाद, मुसलमानों के खिलाफ भावनाएं भड़काने और जातिगत कट्टरता पनप रही है।

टाइम पत्रिका ने अपने लेख में 1984 के सिख दंगे और 2002 में गुजरात में हुए दंगों का भी जिक्र किया है। मैग्जीन ने लिखा है कि 1984 में हुए सिख दंगों को लेकर कांग्रेस आरोप मुक्त नहीं है लेकिन कांग्रेस ने दंगों के दौरान उन्मादी भीड़ से खुद को अलग रखा था, जबकि 2002 में गुजरात दंगों के दौरान मुख्यमंत्री रहते हुए मोदी ने जिस तरह से चुप्पी साधी, उससे वो उन्मादी भीड़ के लिए दोस्त साबित हुए।

टाइम पत्रिका की लीड स्टोरी में मॉब लिंचिंग, और गाय के नाम पर हुईं हिंसा,हत्याओं का भी जिक्र है। पत्रकार आतिश तासीर ने लिखा है कि 2014 में लोगों के बीच पनप रहे गुस्से को मोदी ने आर्थिक वायदे में बदल दिया, लेकिन मोदी के द्वारा किये गए चमत्कार के सारे दावे फेल हो गये, मैग्जीन के मुताबिक मोदी ने देश में जहर भरा और धार्मिक राष्ट्रवाद का माहौल तैयार करने में मदद की।

टाइम मैग्जीन पर मोदी की तस्वीर के साथ विवादित टाइटल दिये जाने पर सियासी तूफान उठना तय है। विपक्ष ने मैग्जीन पर दिये ‘भारत को बांटने वालों के सरदार’ टाइटल को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोलना शुरु कर दिया है। आपको याद होगा जब 2012 में इसी टाइम मैग्जीन ने अपने एशिया एडिशन के अंक के कवर पेज पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तस्वीर ‘UNDER ACHIEVER’ के टाइटल के साथ छापी थी, तब भाजपा के नेताओं ने कांग्रेस समेत पूरी यूपीए सरकार को आड़े हाथों ले लिया था।

यहां तक कि 2012 में मैन स्ट्रीम मीडिया ने भी मनमोहन सिंह को मिले अंडर अचीवर टाइटल को लेकर तमाम तरह के लेख छापे और यूपीए सरकार और उसकी नीतियों की जमकर आलोचना की थी।

अब चूंकि सबसे ज्यादा सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत के साथ 5 साल शासन करने वाली बीजेपी सरकार के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तस्वीर के साथ भी एक विवादित टाइटल मैग्जीन ने दिया है, तो बीजेपी नेता मैग्जीन पर मुकदमा ठोंकने तक की बात कर रहे हैं।

देश में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं। इस बीच टाइम मैग्जीन का ये कवर पेज भाजपा को कितना नुकसान और कांग्रेस को कितना फायदा पहुंचाएगा, ये देखने वाली बात होगी, लेकिन 23 मई तक कवरपेज की  लीड स्टोरी को लेकर मैन स्ट्रीम मीडिया और टीवी चैनलों पर गर्मा गरम बहस की शुरुआत अभी से हो चुकी है।

 

 

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