चितौड़गढ़:- जिले की मानव तस्करी यूनिट ने शहर के रेलवे स्टेशन के पास स्थित एक होटल पर मजदूरी करते 3 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया है।
किशोर बच्चों का शोषण, बालकों के प्रति क्रूरता निवारण कार्यवाही एवं बाल श्रम उन्मूलन हेतु पुलिस अधीक्षक अनिल कयाल द्वारा चलाए गए बचपन बचाओ आंदोलन अभियान के अंतर्गत मानव तस्करी यूनिट के प्रभारी पुलिस निरीक्षक राम रूप अपने जाप्ते कॉस्टेबल गिरधर सिंह, देवीलाल व लोकेश के साथ एवं सदर चित्तौड़गढ़ थाने के उप निरीक्षक नवरत्न सिंह एवं कॉन्स्टेबल धर्मेंद्र कुमार व पन्नालाल के साथ शहर के होटल ढाबों को चैक करते हुए रेलवे स्टेशन पहुंचे। इसी दौरान मुखबिर से सूचना मिली कि रेलवे स्टेशन के पास स्थित सना चिकन मटन होटल पर 3 नाबालिग बच्चे काम कर रहे हैं।
यूनिट प्रभारी द्वारा तीनों नाबालिक बालकों से होटल पर उपस्थित रहने का कारण पूछा तो उन्होंने होटल सना पर 6 हजार रुपये प्रति माह में मजदूरी करना बताया एवं प्रातः 9:00 बजे से रात्रि 12:00 बजे तक होटल पर साफ सफाई व बर्तन साफ करने का काम करना बताया। पुलिस निरीक्षक द्वारा बालकों के हाथ पांव देखे गए तो बर्तन साफ करने और चिकनाई से सने हुए और अप्राकृतिक दशा में पाए गए। मौके पर सना होटल का संचालक नहीं मिलने से होटल के संचालन के बारे में आसपास पूछताछ व तलाश की तो कहीं नहीं मिला। सना नॉनवेज होटल के संचालक द्वारा तीनों बालकों के साथ क्रूरता पूर्वक शारीरिक व मानसिक शोषण कर बंधुआ मजदूर बनाकर साफ सफाई व बर्तन साफ करवा बाल श्रमिकों द्वारा कार्य करवाने पर धारा 75,79 किशोर न्याय एवं बालकों का देखरेख संरक्षण अधिनियम का अपराध होना पाए जाने से तीनों बालकों की मौके पर अपने साथ ले थाने पर आए। प्रारंभिक पूछताछ करने पर तीनों ने बताया कि वे पश्चिमी बंगाल के मदार जिले के हरिशचंद्र पुर के रहने वाले है तथा हमारी खाला का लड़का हमें यहां काम करने के लिए 6 हजार रुपये मासिक पर मजदूरी करने के लिए रविवार को ही लाया था। तीनो ने अपने नाम पश्चिम बंगाल के जिला मालदा थाना हरिशचंद्रपुर के (1) दाख़िन सालदौर निवासी 16 वर्षीय रॉयल पिता सोबुल बंगाली मुसलमान (2) कोनार निवासी 16 वर्षीय नीर हाजीत पिता नीर जरीब बंगाली मुसलमान तथा (3) डांगी सताराई निवासी लिटोन पिता अब्दुल कलाम बंगाली मुसलमान बताया। तीनो बालको को बाल कल्याण समिति को सौंपा गया है।

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By Admin

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