जगदलपुर,

30 मई गुरुवार को शाम 5 बजे जगदलपुर में बस्तर टाइगर कहे जाने वाले दिवंगत कांग्रेस नेता महेन्द्र कर्मा की मूर्ति का अनावरण मुख्यमंत्री भूपेश बघेल करेंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 30 मई  को सुबह 10 बजे पुलिस थाना हैलीपेड भिलाई-3 से कांकेर के लिये रवाना होंगे। सुबह 10.30 बजे कांकेर पहुंचकर, स्थानीय कार्यक्रम में भाग लेने के बाद जगदलपुर रवाना होंगे।

सुबह 11.30 बजे मुख्यमंत्री बघेल बस्तर विकास प्राधिकरण की बैठक में हिस्सा लेने के बाद दोपहर 12.30 बजे जगलदपुर में बस्तर संभाग के कलेक्टर, एस.पी. की कांफ्रेंस में और दोपहर 1.30 बजे वन अधिकार कार्यशाला में भाग लेने के बाद जगदलपुर में शाम 5 बजे शहीद महेन्द्र कर्मा की मूर्ति का अनावरण करेंगे।

शाम 6 बजे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से जगदलपुर सर्किट हाउस में नक्सल प्रभावित प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करेंगे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रात्रि विश्राम सर्किट हाउस जगदलपुर में करेंगे।

महेन्द्र कर्मा 25 मई 2013 को झीरम घाटी में हुए नक्सली हमले में मारे गए थे। महेन्द्र कर्मा ने बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ सलवा जुडूम अभियान चलाया था, जिसके बाद नक्सली उनके खिलाफ हो गए थे। सलवा जुडूम की शुरुआत 2005 में महेंद्र कर्मा ने ही की थी।  सलवा जुडूम एक आदिवासी शब्द है, जिसका अर्थ होता है- ‘शांति का कारवां’। सलवा जुडूम अभियान के तहत महेन्द्र कर्मा ने बस्तर के आदिवासियों को बंदूक का मुकाबला बंदूक से करने की सीख दी थी, बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 2011 में सलवा जुडूम आंदोलन पर रोक लगा दी गई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि माओवादियों से लड़ने के लिए आदिवासियों की शैक्षणिक योग्यता और प्रशिक्षण समेत अन्य योग्यता मानदंड कानून और संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ जाते हैं।  सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोया कमांडो और सलवा जुडूम का गठन संविधान का उल्लंघन है।  विशेष पुलिस अधिकारियों को कोया कमांडो का नाम दिया गया है।

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