रायपुर, एक नई खबर हम आपको बताने जा रहे हैं कि, जल्द ही 36 गढ़ में 34 जिले बनने वाले हैं। कयास तो ए लगाए जा रहे थे कि, 36 गढ़ में जिलों की संख्या बढ़ाकर 36 कर दिया जाए,फिलहाल सात नए जिलों के निर्माण की दिशा में संकेत मिल रहे हैं और, संभावना जताई जा रही है कि मुख्यमंत्री इन सात जिलों के नामों की घोषणा आगामी पन्द्रह अगस्त को समारोह के मंच से कर सकते हैं।

 

रही तैयारी के मुताबिक राज्य सरकार बिलासपुर संभाग में तीन विकासखंड पेंड्रा रोड, पेंड्रा नगर और गौरेला पेंड्रा को मिलाकर एक जिला बनाने की तैयारी में है,

 

सरगुजा संभाग के कोरिया जिले से मनेंद्रगढ़, चिरमिरी मनेंद्रगढ़ को मिलाकर एक जिला बनाने की तैयारी में जुटी है। सरगुजा संभाग के प्रतापपुर और वाड्रफनगर को मिलाकर एक जिला…. जशपुर जिला से पत्थलगांव को अलग जिला बनाने की भूपेश सरकार ने प्रशासनिक तैयारी शुरू करने के निर्देश दिये गए हैं।

वहीं रायपुर संभाग के बलौदाबाजार-भाटापारा से भाटापारा को स्वतंत्र जिला बनाने… महासमुंद जिला से सांकरा से बंजारीनाका को अलग जिला बनाने के प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया है।

वहीं दुर्ग संभाग के राजनांदगांव में अंबागढ़ चौकी को अलग जिला बनाने की प्रशासनिक तैयारी करने के निर्देश कमिश्नरों को दिया गया है।


इसके लिए राजस्व विभाग ने बकायदा पत्र भी जारी कर दिया गया है। पत्र में नया जिला बनाने के संदर्भ में जनसंख्या, गांवों की संख्या, पटवारी हल्का नंबर, राजस्व निरीक्षक की पूरी जानकारी मांगी गयी है। साथ ही जिलों में पदस्थ होने वाले सेटअप के हिसाब से जानकारी मांगी गयी है, पदों के हिसाब कितना वित्तीय भार पड़ेगा इस बारे में भी जानकारी मांगी गयी है। साथ ही जिला बनाने के औचित्य, जरूरत, अभिमत मांगे गये हैं।

सवाल उठता है कि, पहले से ही आर्थिक रूप से तंगी झेल रही प्रदेश सरकार के राजकोष पर इन जिलों के निर्माण से स्थापना मद में कितना वित्तीय भार पड़ेगा, और बात अगर इन सब को प्रदेश में प्रशासनिक व्यवस्था में कसावट लाने की कवायद से जोड़कर देखा जा रहा है तो, ऐसा करना कितना सही कदम है। बहरहाल हमे सरकार के फैसले का इंतजार करना चाहिए ताकि, सरकार इन सारी चीजों को  स्पष्ट रूप से लोगों के सामने रख सके।

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