रायपुर, बिलासपुर हाईकोर्ट ने जाति वाले मामले में गेंद छत्तीसगढ़ सरकार के पाले में डाल कर जोरदार झटका दिया है।
दी है। अब ल अजित जोगी को जाति मामले में कोर्ट से नही मिली राहत । कोर्ट ने अजित जोगी को एक माह के भीतर अपनी जाति संबंधित सभी एविडेन्स पेश करने का दिया समय, इस निर्धारित समय सीमा के पूरी होने के बाद राज्य सरकार द्वारा गठित स्क्रूटनी कमेटी करेगी उन दस्तावेजों के आधार पर जोगी के जाति मामले में निर्णय लेगी। माना यह जा रहा है कि जोगी के बहुचर्चित जाति मामले में इस फैसले से हाईकोर्ट ने फिर शासन के पाले में गेंद डाल दी है। आमतौर पर कोर्ट के निर्देशों को लेकर टीका टिप्पणी नही की जाती रही है लेकिन, वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और अजीत जोगी का आपसी प्रेम आउट भाई-चारा जग जाहिर है।लिहाजा देखना दिलचस्प होगा कि अजीत जोगी कोर्ट द्वारा निर्धारित समय सीमा में संबंधित दस्तावेज जुटा पाने में कितना कामयाब हो पाते हैं और फिर राज्य सरकार द्वारा गठित स्क्रूटनी कमेटी उन तमाम दस्तावेजों का अवलोकन करने के बाद जोगी की जाति तय कर पाती है या,नही।
माना जा रहा है कि फिलहाल अब अजीत जोगी का जाति विवाद अब हल होने के कगार पर पहुंच गया होगा। प्रदेश की राजनीति अब जल्द ऐसे मोड़ पर पहुंच सकती है। जहाँ जोगी की जाति मामला प्रदेश की राजनीति का एक नया इतिहास रचेगा।