रायपुर, 14 अक्टूबर
खस्ताहाल सेवास्थ्य सेवाओं के लिए चर्चित राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल मेकाहारा के खाते में एक और अव्यवस्था का नाम जुड़ गया है। अस्पताल में दो ठेकेदारों की नूराकुश्ती में सोमवार सुबह से ही पोस्टमॉर्टम का काम रुका पड़ा है। मृतकों के परिजन पोस्टमॉर्टम के लिए परेशान हो रहे हैं, लेकिन अस्पताल अधीक्षक से लेकर किसी भी अधिकारी को परिजनों की इस परेशानी से कोई लेना-देना नहीं है। ठेकेदारों की मनमानी से हलकान हो चुके परिजनों की परेशानी को दूर करने के लिए न तो जिला प्रशासन और न ही स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई कदम उठाया गया है।
डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल जिसे मेकाहारा के नाम से लोग जानते हैँ। प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल है। पूर्ववर्ती सरकार से लेकर नई सरकार के स्वास्थ्य मंत्री तक अस्पताल में इलाज की बेहतर सुविधाओं का डंका पीटते हैं, लेकिन मेकाहारा की हकीकत इससे ठीक उलट है।
राजधानी के एक समाजसेवी प्रकाश पुंज पांडेय ने वॉट्सएप करके स्वास्थ्य अधिकारियों और जिला प्रशासन को इस परेशानी से अवगत कराया है। लेकिन उसके बाद खबर लिखे जाने तक मेकाहारा में शवों का पोस्टमॉर्टम शुरु नहीं हो पाया है।
मेेकाहारा की मॉर्चुरी में बरती जा रही अव्यवस्था और शवों के अनादर का ऐसा मामला पहली बार सामने नहीं आया है, बल्कि इससे पहले भी मेकाहारा की मॉर्चुरी अलग-अलग मामलों को लेकर विवादों में रही है। कभी खुले आसमान के नीचे पोस्टमॉर्टम करने के लिए तो कभी, मॉर्चुरी की एक ही टेबल पर चार-चार शवों का एक साथ पोस्टमॉर्टम किये जाने को लेकर, तो कभी शवों के कई कई टुकड़े कर दिये जाने को लेकर मेकाहारा सवालों में घिरा रहा है।