रायपुर, आज मोबाइल, इंटरनेट, सोशल मीडिया, फेसबुक, व्हाट्सएप, रेडियो, मैसेंजर, मार्केटिंग, वेबसाइट, वेबसाइट, ऑन लाइन ट्रांसजेक्शन, ऑनलाइन शॉपिंग, एंजॉयमेंट, आज ए शब्द जैसे सभी जीवन का हिस्सा बन गए हैं। बिलकिन इन के बीच जागरूकता का अभाव और जरा सी लापरवाही आपके लिए जीवन भर के लिए परेशानी या डिप्रेशन का कारण बन जाएगा।)

यदि आप सोशल मिडिया (फेसबुक, वाट्सएप इत्यादि) पर बने हुए है, तो निश्चित रूप से साइबर क्रिमिनल्स की निगाह आप पर भी बनी हुई है, जो कभी भी आपकी असावधानी का फायदा उठाकर आपको मानसिक रूप में परेशान कर सकते हैं, आपकी छवि को। । नुकसान भी पहुंच सकता है। आपकी सावधानी ही आपको उनके चंगुल से बचा सकती है। आपको इन बातों को निश्चित रूप से ध्यान में रखना चाहिए। (विशेष महिलाओं और बच्चों)

ऑफ़लाइन वायलैंस अगेंस्ट वीमेन और गर्ल्स ए वर्ल्ड वाइड वेक कॉल की एक रिपोर्ट में कहा गया है, कि इंटरनेट इस्तेमाल करने वाली लगभग एक तिहाई महिलाएं किसी-न-किसी तरह के साइबर अपराधियों के निशाने पर होती हैं।
इंटरनेट की बढ़ती सुविधा की वजह से अपराधी को खुद उसी जगह पर अपराध करने के लिए रहना जरूरी नहीं है।इस तरह के अपराध या फिर किसी एक व्यक्ति या फिर व्यक्तियों के समूह द्वारा किए जाते है जिसे काफी अच्छा तकनीकी ज्ञान होता है।और इस क्षेत्र के विशेषज्ञ जुड़े हुए होते हैं।


* महिलाओं से संबंधित साइबर अपराध- *
* साइबर स्टॉकिंग * -यह एक ऐसा अपराध है जिसके द्वारा किसी व्यक्ति को बार-बार उत्पीड़न का शिकार बनाया जाता है; पीड़ित का पीछा करके, तंग करके, कॉल द्वारा परेशान करके, संपत्ति के साथ छेड़छाड़ करके। स्टॉकिंग के उपरांत पीड़ित को मानसिक और शारीरिक रूप से हानि पहुंचाना उद्देश्य होता है।
* स्टॉकर * (अपराधी) पीड़ित की सारी जानकारी अवैध रूप से इकट्ठा करके और इंटरनेट पर उनकी गलत छवि को नुकसान पहुंचाने का हासिल रख रहे हैं, इसलिए भविष्य में भयादोहन द्वारा उनका अनुचित लाभ उठाया जा सकता है।


* सेवा अटैक * -यह एक ऐसा अपराध है, ऐसा हमला है जिसमें पीड़ित के नेटवर्क को बेकार पहचान से भरने दिया जाता है। यह सब इसलिए किया जाता है ताकि पीड़ित को मानकर तंग किया जा सके या पीड़ित अपना ईमेल इस्तेमाल ना कर पाए।


* अश्लील साहित्य *-यह एक ऐसा अपराध है जिसमें यौन शोषण दिखा रहा है, यौन उत्तेजना द्वारा पीड़ित से गलत काम कराया जाता है।
* बाल यौन शोषण * -बच्चों के साथ यौन दुर्व्यवहार के मामले इंटरनेट पर भारी मात्रा में देखे जा सकते हैं। छोटे बच्चे ऐसे आपराधिक मामलों में आसान शिकार होते हैं। चूंकि कंप्यूटर घर घर में मौजूद है, इस कारण बच्चों की पहुंच इंटरनेट तक बहुत आसान हो गई है।
इंटरनेट पर अश्लील सामग्री बहुत आसानी से उपलब्ध होती है। अपराधी बच्चों को अश्लील सामग्री देकर ललचाते हैं ताकि वह उनका अनुचित लाभ उठा सके। अपराधी बच्चों से संपर्क करते हैं, बात करते हैं, मित्रता बढ़ाते हैं, ताकि उनका विश्वास जीत सके, या उनका शोषण संभव हो सके।
ये अपराधों से निपटने के लिए कानून बनाया गया है लेकिन अपनी तरफ से भी कुछ लोग बरतकर महिलाओं की इन समस्याओं से बच सकते हैं और बिना किसी चिंता के सोशल मीडिया पर सक्रिय रह सकते हैं।
* क्या करें, क्या न करें *
• सोशल नेटवर्किंगका इस्तेमाल करते समय बहुत जरूरी है, कि आप उसके सिक्योरिटी सिस्टम को करें०० के करीब करें।]
• किसी भी अनजान शख्स की फ्रेंड रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट न करें।
• किसी के बेहुदा मैसेज का जवाब न दें।
• व्यक्तिगत डिटेल को रिस्ट्रिक्ट कर दें ताकि आपके गिने-चुने दोस्तों को छोड़ कर कोई अन्य व्यक्ति उस समय तक न पहुंच सके। सबसे पहले तो सोशल मीडिया पर अपनी निजी तस्वीरें डालने से। उनका कोई भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
• यदि फिर से भी आप फोटो डालना चाहते हैं तो अपने फ़ेसबुक खाते पर अपनी गोपनीयता की सेटिंग को सार्वजनिक न करें।
• सेटिंग्स ऐसे रखें कि आपका बॉक्स आपका दोस्त या उससे जुड़े लोग पी ही देख रहे हों। अनजान लोग उन तक न पहुंचे।
• निजी जानकारी (फोन नंबर, बैंक डिटेल आदि) किसी से शेयर न करें।
• किसी अनजान शख्स से ऑनलाइन फ्लर्ट या डिबेटिंग न करें।
• अपना पासवर्ड किसी से शेयर न करें।
सोशल मीडिया में कोई अनजाना शख्स कुछ मसेज करता है और किसी नंबर पर क्लिक करने के लिए कहता है तो सावधान रहना चाहिए। ऐसे शंखों को बिना कुछ उत्तर दिए केवल ब्लॉग करें।
• आप कई बार किसी का खाता ब्लॉक कर देते हैं या उसकी रिपोर्ट कर देते हैं। इसके बाद ब्लॉक किया गया शख़्स आपके खाने तक नहीं पहुंच पाए लेकिन ध्यान रखें कि वे दूसरे खाते से आप तक पहुंच सकते हैं।
• अपने नाम के बारे में Google पर हमेशा सर्च करते रहें ताकि आपको पता चल जाए कि आपका नाम कहां पर है और किस-किस वेबसाइट पर चल रहा है।
• यदि किसी आश्रय स्थान पर या ऐसी जगह पर आपको नाम दिखाई देता है जिसकी अनुमति आपने नहीं दी है, तो उसे तुरंत हटाने के लिए रद्द किया जा सकता है।
• वहाँ, सैटेलाइट के ऊपर बिल्कुल भी निजी तस्वीरें न डालें। यह एक सोशल नेटवर्किंग साइट नहीं है, यह एक ट्विटिंग प्लेटफॉर्म है।
•• Android पर ऐसी सेटिंग्स की जा सकती हैं कि आपकी अनुमति के बिना लोग आपको फॉलो न कर सकें। लेकिन, अमूमन लोग ऐसा नहीं करते हैं। सेटिंग को ज़्यादा निजी करके आपका खाता ज़्यादा सुरक्षित रह सकता है
• ऐसे में किसी दूसरे अनजान प्रोफ़ाइल की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकारने से पहले इस बात को दिमाग में रखें।
• अगर आप किसी समस्या में फंस भी जाते हैं तो घबराए नहीं हैं बल्कि पुलिस को इसकी जानकारी दें।
• अपने सोशल मीडिया के खाते को देखते रहें, यदि कभी आप अपने सोशल मीडिया के खाते को एमएसट कर रहे हैं, तो पहले आप अपनी निजी जानकारी को चिह्नित करें और फिर उसके बाद आप अपना खाता डीएक्टिवेट करें या एमएसटी करें।
• आप किसी भी ई-मेल का उत्तर न दे, अंजान ई-मेल में आए अटैचमेंट्स को कभी खोल कर न देखें या उस पर मौजूद सूची पर क्लिक करें न। इसमें वायरस या ऐसा प्रोग्राम हो सकता है, जिसे आप क्लिक कर सकते हैं, आपका कंप्यूटर उनके नियंत्रक में जा सकता है या आपके कंप्यूटर में वायरस के प्रभाव से कोई जरूरी फाइल नहीं हो सकती है और आपका ऑपरेटिंग सिस्टम करप्ट हो जाएगा।
• बच्चों के दृष्टिकोण को बनाए रखा जा सकता है और उनके द्वारा इंटरनेट के इस्तेमाल को सिमिट बनाए रखा जाना चाहिए।
• फेसबुक, इंटरनेट, यूट्यूब की सुरक्षा सेटिंग्स की जाँच करें और सावधान रहें।

कई बार देखने को मिलता है कि पीड़ित को यह पता नहीं होता है कि उनके साथ कुछ गलत हुआ है तो उसने क्या किया? कहां जाएं और किससे शिकायत करें?


यदि कोई साइबर अपराध से संबंधित घटना घटित हुई हो तो यह भी ध्यान रखें-
1- सबूत सहेज कर रखें-आपके साथ सोशल मीडिया पर गलत व्यवहार होता है काल्पनिक का शिकार होते हैं तो ऐसे में आप संबंधित पेज का स्क्रीन शॉट, नंबर, डेट और समय आदि को सहेज कर रखें ताकि शिकायत के वक्त संबंधित अथॉरिटी को सबूत के रूप में दिया जा सके। इससे न सिर्फ आरोपियों को पकड़ने में मदद मिलेगी बल्कि अपराध करने वालों में भी खौफ बैठेगा। खाते से पैसे निकाले गए हैं जो इसकी जानकारी तुरंत बैंक के कस्टमर कैर में दें या कार्ड ब्लॉक करें।
2- संबंधित अथॉरिटी को शिकायत करें-ऑफ़लाइन अपराध का शिकार होने के बाद आपको चाहिए कि आप संबंधित अथॉरिटी या साइनथ से शिकायत करें।जैसे क्रेडिट कार्ड से पैसे निकाले जाने पर बैंक से शिकायत करें, फेसबुक से कोई तंग कर रहा है तो हेल्प सेंटर के निर्देशों सेनेस में जाकर उसकी प्रोफाइल को रिपोर्ट करें या उसे ब्लॉग करें।
3.मामला गंभीर हो तो उसकी शिकायत जिले में मौजूद पुलिस की साइबर सेल में करें, क्योन्सकि सावधानी ही मंदिरपरि है।

RLdangi

पुलिस महानिरीक्षक

छत्तीसगढ़।

डेमो वीडियो (सौजन्य सोनी टीवी)

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