रायपुर,10 मई
छत्तीसगढ़ शासन ने राज्य के विवादास्पद निलंबित आईपीएस अफसर मुकेश गुप्ता को आरोप पत्र थमा दिया है। राज्य सरकार ने मुकेश गुप्ता के खिलाफ आपराधिक मामलों की विभागीय जांच का जिम्मा राज्य के पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी को सौंपा है।
भूपेश सरकार ने अखिल भारतीय सेवा ( अनुशासन तथा अपील ) नियम 1969 के नियम 8 ( 6 ) सी के अंतर्गत जांच अधिकारी के समक्ष शासन का पक्ष प्रस्तुत करने के लिए दुर्ग के पुलिस महानिरीक्षक हिमांशु गुप्ता को प्रस्तुतकर्ता अधिकारी बनाया है। गृह विभाग के अवर सचिव डीपी कौशल की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी पूरी तत्परता से मुकेश गुप्ता के खिलाफ जांच प्रारंभ करें और मय दस्तावेज अपना प्रतिवेदन शासन को उपलब्ध कराए। प्रस्तुतकर्ता अधिकारी हिमांशु गुप्ता से भी अपेक्षा की गई है कि वे जांच अधिकारी से संपर्क स्थापित कर अभिलेखों के साथ कार्रवाई को जल्द से जल्द पूरी करें।
तीन बिन्दुओं का आरोप पत्र
आर्थिक और वित्तीय अनियमितताओं से लेकर कई तरह के आरोपों से घिरे निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता पर विभागीय जांच के लिए तीन बिन्दुओं का आरोप पत्र तैयार किया गया है।
- पहले बिन्दु में वर्ष 1988 बैच के मुकेश गुप्ता ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एवं आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो के महानिदेशक के पद पर रहने के दौरान अपने अधीनस्थ कर्मचारियों से कार्यालयीन दस्तावेजों एवं रजिस्टर में बैक डेट में प्रविष्टियां करवाई थीं। उनका यह कृत्य अखिल भारतीय सेवा आचरण नियम 1968 के नियम 3 का उल्लंघन है इसलिए क्यों न उन पर कार्रवाई की जाय।
- आरोप पत्र के दूसरे बिन्दु में उल्लेखित है कि गुप्ता ने अपराध क्रमांक 9 / 2015 में कायमी दिनांक के पूर्व प्रावधानों का उल्लंघन कर आम नागरिकों का फोन टेप किया था और उसका उपयोग साक्ष्य के तौर पर किया।
- तीसरे बिन्दु में साफ कहा गया है कि उन्होंने लोकसेवक के पद पर रहते हुए कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान स्वेच्छाचारिता प्रदर्शित की जिससे पुलिस की छवि धूमिल हुई। पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी के जांच अधिकारी एवं दुर्ग रेंज के आईजी हिमांशु गुप्ता के प्रस्तुतकर्ता अधिकारी नियुक्त होने के बाद यह माना जा रहा है कि दोनों अधिकारी अपनी रिपोर्ट शासन को जल्द से जल्द सौंप देंगे.