रायपुर, 17 मई, 2019

दिल्ली से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र ‘वीर अर्जुन’ के छत्तीसगढ़ संपादक एवं वरिष्ठ पत्रकार  नारायण लाल शर्मा ने निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता से अपनी एवं अपने परिवार की जान को खतरा बताते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सुरक्षा मुहैया कराने की मांग को लेकfर एक पत्र लिखा है। नारायण लाल शर्मा इंडियन मीडिया वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लिखे गये पत्र में नारायण लाल शर्मा ने कहा है कि निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता पद पर रहने के दौरान उन्हें ठिकाने लगाने की धमकी दे चुके हैं और अब भी उनके ऊपर हमला होने का खतरा मंडराया हुआ है।

                                                          वरिष्ठ पत्रकार नारायण लाल शर्मा

वरिष्ठ पत्रकार नारायण लाल शर्मा ने मुख्यमंत्री बघेल को ये पत्र ऐसे समय में लिखा है जब मुकेश गुप्ता कई तरह के आरोपों के चलते ईओडब्ल्यू एवं दूसरी जांच एजेंसियों से पूछताछ का सामना कर रहे हैं और हाईकोर्ट से मिली जमानत पर बाहर घूम रहे हैं। लेकिन जमानत पर होने और पद से निलंबन होने के बावजूद आईपीएस मुकेश गुप्ता ने जिस तरह से तेवर (खासकर मीडियाकर्मियों को) दिखाये हैं, उससे नारायण लाल शर्मा की बातों में वजन दिखाई देता है।

                                        निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता

वरिष्ठ पत्रकार नारायण लाल शर्मा ने मुख्यमंत्री को जो पत्र भेजा है, उसमें रमन सरकार के दौरान तत्कालीन डीजीपी रामनिवास के दफ्तर में हुए एक वाकये का भी जिक्र किया है। पत्र में लिखा है कि “17 जनवरी 2014 को जब वे बस्तर में गिरफ्तार किए गए माओवादियों की गिरफ्तारी से संबंधित समाचार के संकलन के लिए छत्तीसगढ़ के अन्य वरिष्ठ पत्रकार राजकुमार सोनी के साथ तत्कालीन पुलिस महानिदेशक रामनिवास से मुलाकात करने उनके कक्ष में गए थे, तब अचानक मुकेश गुप्ता वहां आ धमके और उन्होंने वहां मौजूद एक अन्य पुलिस अफसर से कहा कि हमारा अगला टारगेट नारायण शर्मा है।  इनको पन्द्रह से बीस दिन में निपटा देना है। दूसरे अफसर ने भी गुप्ता की हां में हां मिलाई। नारायण शर्मा ने लिखा कि वे चुपचाप मुकेश गुप्ता की बात सुनते रहे. पुलिस महानिदेशक रामनिवास ने मुकेश गुप्ता को खामोश रहने के लिए कहा, लेकिन वे खामोश नहीं हुए और नजदीक आकर बोले- मुझे सब पता है कि तुम कितनी बार माणिक मेहता से मिलने जेल गए और कितनी बार उसकी मां श्यामा मेहता से मिलने कोर्ट में गए थे. मुझे यह भी पता है कि तुम फोन में किस-किस से क्या-क्या बात करते हो”।

यहां आपको बता दें  कि निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता पर अवैध रूप से दूसरों के फोन टैप करने का आरोप है और इसकी जांच भी चल रही है। फोन टैपिंग के कारनामे को मुकेश गुप्ता अपनी एक स्टेनो रेखा नायर के मार्फत इजराइल से लाई गई फोन टैपिंग की मशीनों से करते थे। स्टेनो रेखा नायर के खिलाफ बिना बताये दफ्तर से गायब रहने और आय से अधिक संपत्ति जुटाने और दूसरे के फोन टैप करने का आरोप है, जिसकी जांच चल रही है।

पत्रकार नारायण लाल शर्मा ने वेब रिपोर्टर को बताया कि तत्कालीन डीजीपी के दफ्तर में जब ये वाकया हुआ था तब भूपेश बघेल प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष थे और अब भी है. घटना की विस्तृत जानकारी लेने के बाद भूपेश बघेल ने दिनांक 13 फरवरी 2014 को तत्तकालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह को खत लिखकर पुलिस अफसरों के कृत्य को निदंनीय और गंभीर बताते हुए कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन रमन सिंह ने मुकेश गुप्ता के खिलाफ कभी किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की। उलटे मुकेश गुप्ता और ज्यादा शक्तिशाली बना दिए गए।

मिकी मेहता                                                                                      श्यामा मेहता

आपको एक और जानकारी दे दें कि पत्रकार नारायण लाल शर्मा से जिस माणिक मेहता और श्यामा मेहता से मिलने की बात मुकेश गुप्ता कर रहे थे, वो माणिक मेहता असल में मुकेश गुप्ता का रिश्ते में साला लगता है जबकि श्यामा मेहता उनकी सास लगती है। मुकेश गुप्ता ने पहले से शादीशुदा होते हुए मिकी मेहता नाम की महिला से गंधर्व विवाह किया था, जिसकी बाद में भिलाई में रहस्यमय ढंग से जलने से मौत हो गई थी। मिकी मेहता की मौत के मामले को लेकर उसके भाई माणिक मेहता ने यहां-वहां हाथ – पैर मारे और लोक आयोग तक मदद मांगी, मिकी मेहता के मामले में लोक आयोग ने भी रमन सिंह सरकार के कार्यकाल में ही अपनी जांच रिपोर्ट रमन सिंह को मुकेश गुप्ता के खिलाफ कार्रवाई के लिए उन्हें सक्षम अधिकारी मानते हुए सौंप दी थी, लेकिन रमन सिंह लोकायुक्त की रिपोर्ट को दबाकर बैठ गए और मुकेश गुप्ता के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।

  मिकी मेहता-मुकेश गुप्ता

इधर भूपेश बघेल की सरकार ने मुकेश गुप्ता के खिलाफ एक्शन तो लिया है, लेकिन अब भी निरकुंशता कम नहीं हुई है. नारायण लाल शर्मा ने कहा कि वर्ष 2014 में ही मुकेश गुप्ता ने साफ-साफ कहा था कि उन्हें सब पता है कि तुम फोन पर किससे-किससे बात करते हो… जाहिर सी बात है कि तब मुकेश गुप्ता मेरा ( नारायण शर्मा ) का फोन टेप करते थे. नारायण शर्मा ने कहा कि पूर्व में भी मुकेश गुप्ता ने उन्हें चार झूठे मामलों में फंसाया था और अब भी वे अपने सहयोगियों के साथ मिलकर मुझे और मेरे परिवार को जान से खत्म करने की साजिश रच रहे हैं.

एक और जानकारी दे दें कि पत्रकार नारायण लाल शर्मा मूल रूप से राजस्थान के करौली जिले के महावीर जी कस्बे के हैं और भरतपुर के जघीना गांव के दामाद हैं , लेकिन कई दशकों से वो छत्तीसगढ़ में बतौर वीर अर्जुन समाचार पत्र के रेजीडेंट एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं। छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ और अऩुभवी पत्रकारों में उनकी गिनती होती है।

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