नई दिल्ली,

कर्नाटक के अयोग्य ठहराए गए सभी बागी विद्यायक सोमवार को सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं। थलसी स्पीकर के ताजा फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी। महाराष्ट्र के एक रिज़ॉर्ट में मौजूद ज़ीएस के बाग़ी विधायकों के सूत्र ने साफ किया है कि इन विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के फ़ैसले को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।


कुल 17 विधायकों को अयोग्य घोषित किए जाने से कर्नाटक विधानसभा में सदस्यों की संख्या 225 से घटकर 208 हो गई है। यानी अब बहुमत के लिए भाजपा को 104 का आँकड़ा पार करना होगा।भाजपा के पास अपने 105 विधायक हैं और एक निर्दलीय विधायक का भी समर्थन है। दूसरी तरफ़ कांग्रेस के 65 और जेडीएस के 34 विधायक हैं। सागर इकलौते बसपा विधायक एन महेश मायावती के निर्देशों का पालन करते हुए भाजपा सरकार के ख़िलाफ़ वोट देते हैं तो भी इससे भाजपा को कोई फ़र्क नहीं पड़ेगा ।इससे पहले मायावती के निर्देशों की अनदेखी करते हुए एन.महेश एचडी कुमारस्वामी के विश्वासमत के दौड़ से ग़ैर-हाजिर हो गए थे।
भाजपा विश्वासमत की जीत हो सकती है लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अगर इन विधायकों की अयोग्यता को बरक़रार रखने के पक्ष में फ़ैसला दिया तो इन 17 सीटों पर उपचुनाव होंगे और अपना बहुमत बनाए रखने के लिए भाजपा को इनमे से 8-10 सीटों पर विजय पक्की करनी होगी।

येदुरप्पा पर लटकती रहेगी उप-चुनाव की तलवार
सियासी गलियारों में माना जा रहा है, कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के साथ ही कर्नाटक में भी इन सीटों पर उपचुनाव हों। इस हालत में जब कर्नाटक विधानसभा में सदस्यों की संख्या पूरी हो जाएगी तो येदियुरप्पा सरकार को अपना वक़्त बचाए रखने के लिए कम से कम 113 विधायकों के समर्थन की ज़रूरत होगी।

इधर येदुरप्पा की मुश्किल तब बढ़ जाएगी जब पुराने मामलों पर दलबदल कानून आने के बाद से सुप्रीम कोर्ट भी स्पीकर के संवैधानिक शक्तियों के तहत उनके निर्णय के साथ जाने लगे हैं, और इस मामले में भी अगर ठीक है तो इतनी बड़े उल्लंघन के मामले में एक बार फिर पुराने फैसलों कोएक बार फिर बड़ी अदालत ने कायम रख लिया। ऐसा होने पर येदुरप्पा की मुश्किलें बढ़ जाएंगी।और उनके लिए किसी भी तरह की राहत की संभावना भी नजर नहीं आ रही है क्योंकि अदालत इस मामले में सुनवाई के लिए तैयार भी होती है, तब भी कोर्ट की ओर से इस मामले में फ़ैसला आने में देर हो सकती है और उससे पहले ही चुनावों की घोषणा हो सकती है। माना जा रहा है कि भाजपा वैसे तो हरहाल में विश्वासमत जीत सकती है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अगर इन विधायकों की योग्यता को बरक़रार रखने के पक्ष में फ़ैसला दिया तो इन 17 सीटों पर उपचुनाव होंगे और अपना बहुमत बनाए रखने के लिए भाजपा को इनमे से 8-10 सीटें जीतनी होंगी।

पार्टी के आवेदन पर हुई कार्रवाई: – स्पीकर

स्पीकर ने बताया कि उन्होंने यह फ़ैसला ऐसे समय पर लिया। अजब प्रदेश के नए मुख्यमंत्री बी येदियुरप्पा सोमवार को सदन में बहुमत साबित करने वाले हैं।
विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने कहा है कि 11 कांग्रेस और तीन जेडीएस विधायकों ने दलबदल क़ानून का उल्लंघन किया है।इस बात को लेकर दोनों ही पार्टी ने लिखित आवेदन देकर अपने बागी विधायकों के द्वारा दलबदल कानून का उल्लंघन करने की जानकारी दी, उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। जिसके अध्ययन के बाद कांग्रेस और जेडीएस के आरोप सही पाए गए, मौजूदा कानूनी प्रावधानों के तहत डिस्क्वालिफाई करने की कार्रवाई की गई है।


इससे पहले स्पीकर रमेश कुमार ने 25 जुलाई को तीन कांग्रेस विधायकों को अयोग्य ठहरा दिया था। इस तरह कर्नाटक में अब अयोग्य ठहराए गए कुल विधायकों की संख्या अब 14 से बढ़कर 17 पहुंच गई है। आंकड़ों की अगर बात करें तो वर्तमान में यह 17 का आंकड़ा TN के पिछले साल के आंकड़ों को तोड़कर 18 से महज एक कम रह गया है।

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