रायपुर,

मानव शरीर में लगभग 60 प्रतिशत पानी होता है, मस्तिष्क में 85 प्रतिशत पानी होता है, खून में 79 प्रतिशत पानी होता है जबकि फेफड़ों में लगभग 80 प्रतिशत पानी होता है। एक स्वस्थ मनुष्य दिन भर में कितना पानी पिये, यह व्यक्ति-व्यक्ति पर निर्भर करता है। फिर भी स्वस्थ किडनियों वाले एक वयस्क व्यक्ति को दिनभर में तीन लीटर पानी जरूर पीना चाहिए। लेकिन पानी पीने के भी अपने नियम हैं, अच्छी सेहत और स्वस्थ रहने के लिए पानी पीने के इन नियमों को आप अपनाएंगे तो ज्यादा हेल्दी रहेंगे।

नियम नंबर 1- खड़े होकर नहीं, बैठकर पियें पानी

अगर आप कभी गांव में रहे हैं या गए हों तो आपने देखा होगा कि हमारे बुजुर्ग जब पानी पीते हैं तो बैठकर मुंह पर हाथ लगाकर पानी पीते हैं। नियम ये है कि अगर दो घूंट भी पानी पीना है तो बैठकर ही पियें। आयुर्वेद में खड़े होकर पानी पीने को निषेध माना गया है। ऐसा इसलिये कि जब हम खड़े होकर पानी पीते हैं तो उससे शरीर में लिक्विड बैलेंस बिगड़ जाता है। इससे हमारे जोड़ों में द्रव्य जमा होने लगता है, जो आगे चलकर आर्थराइटिस के रूप में सामने आता है। लेकिन जब हम बैठकर पानी पीते हैं तो उससे हमारी नर्व्स रिलेक्स होती है और पाचन तंत्र भी पोषक तत्वों को बेहतर ढंग से अवशोषित कर पाता है।

नियम नंबर-2 एक बार में खूब सारा नहीं, थोड़ा-थोड़ा पानी पियें 

जैसे एक बार में ढेर सारा खाना खाने से बचना चाहिए, वैसे ही एक बार में खूब सारा पानी न पीकर, थोड़ा-थोड़ा पानी पीना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक रहता है। थोड़े-थोड़ अंतराल के बाद कम मात्रा में पानी पीते रहना चाहिए। ऐसा करने से आपको पेट फूलने, गैस बनने और हाईपरटेंशन की समस्या से निजात मिलेगी।

नियम नंबर -3 खाने के एकदम पहले और एकदम बाद में पानी पीने से बचें

डायटिंग के चक्कर में कुछ लोग कम खाना खाने के नाम पर भोजन से ठीक पहले पानी पी लेते हैं, ऐसा करना ठीक नहीं है। खाना खाने से पहले और पानी पीने के बीच में कम से कम आधे घंटे का गैप रखना हितकर होगा। इसी तरह खाना खाने के फौरन बाद पानी नहीं पीना चाहिए। अगर ऐसा किया तो खाने के बाद उसे पचाने वाले एंजाइम्स ठीक से काम नहीं कर पाएंगे। अगर यही आदत लगातार बनी रही तो पेट फूलने की समस्या हो सकती है।

नियम नंबर-4 आसमान की तरफ मुंह उठाकर पानी न पियें, गिलास से पियें

आमतौर पर लोगों की आदत होती है कि वो मुंह ऊपर की ओर उठाकर बोतल से पानी  गटकते रहते हैं। ज्यादातर ऐसा दफ्तरों में देखने को मिलता है। इस आदत से पानी पेट में तेजी से जाता है और वो पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचाता है। ऐसी स्थिति में पानी पीने से पानी के साथ कुछ हवा भी पेट के अंदर चली जाती है जो पेट फूलने की समस्या का कारण बनती है। इसलिये बेहतर स्वास्थ्य के लिए आपको गिलास से पानी पीना चाहिए, अगर बोतल से ही पानी है तो बोतल में मुंह लगाकर ही पानी पियें।

नियम नंबर-5 ठंडा नहीं, कमरे के तापमान वाला पानी पियें

फ्रिज से निकला ठंडा पानी हमेशा आपको नुकसान करेगा। पानी हमेशा वही पियें जो कमरे के तापमान पर रखा हुआ हो। एकदम ठंडा पानी पीने से पाचन प्रणाली खराब हो सकती है। आयुर्वेद में हमेशा गुनगुना पानी पीने की सलाह दी गई है।

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