नई दिल्ली, 15 जनवरी 2020

अपने बड़बोलेपन के चलते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस बार इंडियन मेडिकल एसोसियेशन के निशाने पर आ गए हैँ। मोदी ने दवा कंपनियों और डॉक्टरों की सांठ-गांठ को लेकर दिये विवादित बयान के बाद आईएमए की भौंहें तन गई हैं। आईएमए ने एक बयान जारी कर कहा है कि या दो मोदीजी अपने बयान को साबित करें नहीं तो माफी मांगें।

आईएमए ने कहा है कि ”मीडिया में आई रिपोर्ट्स के मुताबिक़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बयान में कहा है कि शीर्ष फ़ार्मा कंपनियों ने डॉक्टरों ने रिश्वत के तौर पर लड़कियां उपलब्ध कराईं हैं। आईएमए ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है। आईएमए ने कहा है कि पीएम अपनी बात को साबित करें और नहीं कर पाते हैं तो उन्हें माफी मांगनी चाहिये।

गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में शीर्ष फ़ार्मा कंपनियों के साथ बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने कथित तौर पर एथिकल मार्केटिंग प्रैक्टिस का ज़िक्र किया था।

ये पहली बार नहीं है जब प्रधानमंत्री मोदी का कोई बयान विवादों में आया हो। इससे पहले वो CAA कानून को लेकर हो रहे विरोध के दौरान कह चुके हैं कि NRC को लेकर न तो कैबिनेट में और न ही संसद में कभी चर्चा हुई है। जबकि गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में NRC की पूरी क्रोनोलॉजी समझाई थी।

इतना ही नहीं इससे पहले देश की आबादी, भाजपा के वोटरों की संख्या आदि दूसरे मामलों पर भी मोदी गलत बयान दे चुके हैं। हालांकि इस पर उन्होंने कभी माफी नहीं मांगी।

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