रायपुर,

छत्तीसगढ़ के प्रथम और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। गौरेला थाना पुलिस ने भाजपा नेत्री और जिला पंचायत सदस्य समीरा पैकरा की शिकायत पर अजीत जोगी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। अजीत जोगी के खिलाफ गौरेला थाने में अपराध क्रमांक 249/19 पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420,467,468, 471 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है।

समीरा पैकरा ने अपनी शिकायत में कहा है कि अजीत जोगी ने तत्कालीन तहसीलदार पतरस तिर्की के फर्जी हस्ताक्षर करके अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र बनवाया था। समीरा पैकरा ने तत्कालीन तहसीलदार पतरस तिर्की के उस शपथ पत्र के आधार पर केस दर्ज कराया है जिसमें पतरस तिर्की ने कहा है कि उन्होंने कभी भी अजीत जोगी का जाति प्रमाणपत्र जारी नहीं किया है और अजीत जोगी के जाति प्रमाण पत्र पर जो हस्ताक्षर हैं वो उनके नहीं है।

समीरा पैकरा ने आरोप लगाया है कि अजीत जोगी ने कूटरचित दस्तावेज़ तैयार कर खुद को एसटी जाति का घोषित करवाया और चुनाव लड़ा। दर्ज एफआईआर के अनुसार अजीत कुमार जोगी पुत्र श्री स्वर्गीय काशी प्रसाद जोगी जो कि वर्तमान में आरक्षित जनजाति के लिए मरवाही विधानसभा से विधायक हैं। यह जानते हुए कि वे अनुसूचित जनजाति वर्ग के नहीं हैं। उन्होंने राजनीतिक लाभ के लिए खुद को अनुसूचित जनजाति का बताकर गलत नीयत से सन 1967-68 में फर्जी जाति प्रमाण पत्र तहसील पेंड्रारोड से बनवाया। उस प्रमाण पत्र के सहारे मरवाही विधानसभा से चुनाव लड़े और जीते साथ ही शासन से अनुचित पद व अन्य लाभ प्राप्त किये।

इधर एफआईआर पर अजीत जोगी ने कहा है कि यह एफआईआर शून्य है और इसका कोई मतलब नही हैं। बकौत अजीत जोगी 2002 में पतरस तिर्की ने मेरे पक्ष में हाईकोर्ट और शहडोल मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के सामने शपथ पत्र दिया था। इस बार तिर्की ने झूठा शपथ पत्र दिया है, इसके खिलाफ मेरे वकील ने पेंड्रारोड में केस दर्ज कराया है।

एफआईआर दर्ज होने के बाद देर रात अजीत जोगी की तबीयत बिगड़ गई। जिसके बाद उन्हें गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। अजीत जोगी को सीने में दर्द और सांस लेने में कठिनाई की शिकायत हुई है।

 

 

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