रायपुर, ब्लड प्रेशर और डायबीट के लिए खुशखबरी नक्सलवाद से पीडित बस्तर इलाका से आ रही है। अब लोगों को इन बीमारियों के इलाज में अस्पताल के महंगे खर्च से राहत मिलेगी। इंदिरा गांधी कृषि विवि रायपुर के वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन में  जगदलपुर कृषि विज्ञान केंद्र में चावल की एक विशेष किस्म तैयार की गई हैं।स्थानीय मार्केट में अन्य चावलों (चावल) की तुलना में दोगुना कीमत पर बिक रही है, जबकि आंतरिक बाजार में 200 ₹ प्रति के। लो की दर से इसकी डिमांड आ रही है। 

 

दिखने में लाल ब्रोउन कलर की इस प्रजाति के चावल (चावल) सामान्य चावल से अलग दिखती है।इसे बोलचाल की भाषा में अनपोलिशड चावल भी कहते हैं।कृषि विवि के वैज्ञानिक एके। साहू के मुताबिक इसमे विटामिन बी 1, बी 2, आयरन और कैल्शियम के अलावा अन्य चावलों (चावल) की तुलना में भरपूर मात्रा में फाइबर मौजूद होता है। केवीके जगदलपुर के वैज्ञानिक एलआर.वर्मा ने बताया कि इस नई किस्म के चावल (चावल) का स्वाद तो बेहतर होता है, इसके अलावा इसमें एंटीऑक्सीडेंट की काफी मात्रा में पाया जातें हैं।जो इसके औषधीय गुण (औषधीय मूल्य) को दर्शाता है। इसकी वजह से यह एलर्जी, ब्लड प्रेशर, डाय और कैंसर जैसी बीमारियों के उपचार में कारगर साबित हो सकती है।

हम आपको बताते हैं कि, छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है। चावल (चावल) उत्पादन के मामले में छत्तीसगढ़ का नाम देश के अग्रणी राज्यों में शुमार।ऐसे में औषधीय गुणों (औषधीय महत्व) की प्रचुरता वाले चावल (चावल) की नई किस्म के खोज से ना केवल लोगो को भोजन के माध्यम से कई बीमारियों पर। नियंत्रण में मदद मिलेगी, लेकिन किसानों के आर्थिक विकास में भी कारगर साबित होगी।

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