नई दिल्ली, 9 नवंबर 19
राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज आने वाले फैसले से पहले कोर्टरूम से छन-छनकर जो सूचनाएं बाहर आ रही हैं, उनके मुताबिक बाबरी मस्जिद किसी खाली भूखंड पर नहीं बनी थी, बल्कि बाबरी मस्जिद पहले से मौजूद किसी ढांचे के ऊपर ही खड़ी की गई थी। आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया यानि एएसआई ने सुप्रीम कोर्ट में जो रिपोर्ट पेश की है, उसे सुप्रीम कोर्ट स्वीकार रहा है। एसएसआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जमीन के नीचे 12वीं शताब्दी के किसी मंदिर के खंभे और ढांचा होने के सबूत मिले है। वहां पहले से कोई मस्जिद होने का ढांचा और खंभे जैसी चीजें नहीं मिली हैं। एएसआई की रिपोर्ट को देखते हुए माना जा रहा है कि मस्जिद की जगह पर पहले से कोई मंदिर मौजूद था। हालांकि एएसआई ने मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाए जाने का जिक्र अपनी रिपोर्ट में नहीं किया है। एएसआई ने अपनी रिपोर्ट में ये जरूर उल्लेख किया है कि खुदाई में जो मिला वो इस्लामिक ढांचा नहीं था।
दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट ने निर्मोही अखाड़े के दावे को खारिज कर दिया है। शिया वक्फ बोर्ड का दावा भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। सुन्नी वक्फ बोर्ड के दावे को भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एएसआई की रिपोर्ट में मस्जिद, ईदगाह का जिक्र नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा है कि जमीन विवाद का फैसला कानूनी आधार पर होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आस्था और विश्वास पर कोई बहस नहीं होगी।