रायपुर, कोरिया जिले के 6 युवकों की सड़क हादसे में मौत हो गई। सड़क हादसा का कारण कुरूद के पास स्थित बस को ओवरटेक करते समय युवकों की वेगन आर कार का सामने से आ रहे पेट्रोलियम टैंकर से जा टकराया। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार का अगला हिस्सा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया और सामने बैठे दोनों युवक गाड़ी में ही फंस गए, जबकि पीछे बैठे चारो युवक तेज टक्कर की वजह से कार से छिटककर बाहर सड़क पर जा गिरे।
खराब मौसम और बारिश में उठ का कहर इतना भयानक था कि हादसे की तेज आवाज से ही एनएच 30 पर स्थित छत्तीसगढ ढाबा तक सुनाई दी। हादसा को देखते हुए आसपास के लोग भी लपककर घटनास्थल की तरफ दौड़े, मौके पर चार युवक खून से लपथाप सड़कपर और दो कार में भीतर फंसी हुई हालत में मिले। आनन फानन में पुलिस और एम्बुलेंस को बुलाया गया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी और सभी 6 लड़को ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। बैकुंठपुर निवासी अधिवक्ता राजेश गुप्ता की बेटी शिप्रा कुरूद में ससुराल है, उसे जैसे ही अपने पुलिस पति से इस हादसे की जानकारी मिली उसने हताहत युवकों के परिजनो को फोन कर हादसे की जानकारी दी और अपने पति के साथ घटना स्थल पर पहुंची। उन्होंने सभी शवो व घायलों को अस्पताल पहुंचाने में मदद की। जब तक शव का पीएम करा कर बैकुठपुर नहीं भेज दिया गया वह अस्पताल में ही डटी रहीं।
पूर्व मंत्री भैय्यालाल राजभर रायपुर में ही मौजूद थे।हादसे की जानकारी मिलते ही वे तत्काल कुरूद पहुंच गए और प्रशासन की मदद से मृतकों की कानूनी निष्पक्षता पूरी कर पोस्टमार्टम बना औऱ उनके शव को बैकुंठनाथ अस्पताल में ही डटे रहे।
इस हादसे में हालांकि 6 युवकों की मौत हुई लेकिन चार घरों के लिए यह हादसा दोहरापन दे गया क्योंकि उनके कुल का चिराग बुझ चुका था ।इन चार युवकों क्लाइव उर्फ तपन स्टॉकिंग, अभिषेक उर्फ़ गोलू गोसवाल, शुभम द्विवेदी, प्रांजल पैकरा, परीक्षित पाल का नाम शामिल हैं।
विधायक अंबिका सिंहदेव ने शोक प्रकट करते हुए परिजनो को आर्थिक सहायता प्रदान कर ढांढस बंधाया और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से बात कर मृतकों के शव को बैकुंठपुर मंगवाने का इंतजाम कराने में जुटी रही।
हादसे को लेकर बैकुंठपुर इलाके में मातम पसार गया है। जिसको देखो वह इस दर्द हादसे और उनके परिजनों की पीड़ा को लेकर फिक्रमंद नजर आ रहा था। सवाल आखिर यही उठता है कि, क्या कार सवार युवकों की लापरवाही से यह हादसा हुआ, अथवा टैंकर वाले ड्राइवर की लापरवाही की वजह से यह हादसा हुआ यह तो फिलहाल स्पष्ट नहीं हो सका है लेकिन, इतना तो तय है कि इस हादसे में छह परिवारों को आजीवन न भुला पाने वाला पहाड़ सा दुःख जरूर दे दिया है।