रायपुर, 30 जुलाई

राष्ट्रवाद की अपनी विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपना आर्मी स्कूल शुरु करने जा रहा है। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में आरएसएस का पहला आर्मी स्कूल खुल रहा है जिसमें अगले महीने से प्रवेश प्रारंभ हो जाएंगे और अगले शैक्षणिक सत्र से पढ़ाई प्रारंभ होगी। बुलंदशहर जिले की शिकारपुर तहसील के गांव खंडवाया में आरएसएस का आर्मी स्कूल 40 करोड़ की लागत से तैयार किया जा रहा है। आरएसएस के इस स्कूल का नाम रज्जू भैय्या सैनिक विद्या मंदिर रखा गया है। स्कूल का संचालन संघ की एजूकेशन विंग विद्या भारती के हाथों में होगा। आरएसएस के पूर्व सरसंघचालक रज्जू भैय्या का जन्म 1922 में शिकारपुर में ही हुआ था, इसलिये आरएसएस का पहला सैनिक स्कूल उन्हीं के गांव में खोला जा रहा है। स्कूल में बच्‍चों को सशस्‍त्र बलों में अधिकारी बनने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें सीबीएसई बोर्ड का सिलेबस पढ़ाया जाएगा। यहां क्‍लास 6 से 12वीं तक के छात्र पढ़ेंगे। स्कूल का निर्माण कार्य चल रहा है और करीब 40 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।

देश में अपनी तरह का पहला प्रयोग 
संघ की एजूकेशन विंग विद्या भारती उच्‍च शिक्षा संस्‍थान के पश्चिमी यूपी और उत्‍तराखंड के संयोजक अजय गोयल कहते हैं, ‘यह देश में हमारा पहला प्रयोग है, अगर सफल रहा तो देश के दूसरे हिस्‍सों में भी ऐसा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्‍टूडेंट्स के पहले बैच का प्रॉस्‍पेक्‍टस लगभग तैयार है अगले महीने से हम आवेदन मंगाना शुरू कर देंगे। पहले बैच के लिए हम  छठी क्‍लास में 160 बच्‍चों को प्रवेश देंगे। इनमें से 56 सीटें शहीद सैनिकों के बच्‍चों के लिए रिजर्व होंगी।’ बताया जा रहा है कि सितंबर में रिटायर्ड आर्मी अफसर अपने सुझाव देने के लिए बैठक करने वाले हैं।  विद्या भारती देश में 20 हजार से अधिक स्‍कूलों का संचालन करता है।

 यह स्‍कूल 20 हजाार स्‍क्‍वॉयर मीटर क्षेत्र में बनाया जा रहा है। यह जमीन एक पूर्व सैनिक और किसान राजपाल सिंह ने दान की थी। साल 2018 में 24 अगस्‍त से इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ था। अब यह जमीन राजपाल सिंह जनकल्‍याण सेवा समिति ट्रस्‍ट की संपत्ति है। इस स्‍कूल में पढ़ने के लिए तीन मंजिला इमारत होगी, एक तीन मंजिला हॉस्‍टल होगा, एक डिस्‍पेंसरी, स्‍टाफ के लिए आवास और एक विशाल स्‍टेडियम होगा। आरएसएस शुरू से ही स्‍कूल स्‍तर पर आर्मी एजुकेशन और ट्रेनिंग की वकालत करता रहा है।

नासिक का भोंसला मिलिट्री स्‍कूल इसी मॉडल पर चल रहा है, इसकी स्‍थापना 1937 में बीएस मुंजे ने की थी। मुंजे आरएसएस के संस्‍थापक केबी हेडगेवार के गुरु थे। हालांकि, आरएसएस के नेता स्‍कूल में होने वाले कार्यक्रमों में उपस्थित होते रहे हैं लकिन वह इसके संचालन में सीधे तौर पर शामिल नहीं हैं। इस स्‍कूल का संचालन सेंट्रल हिंदू मिलिट्री एजुकेशन सोसायटी करती है।

इस स्‍कूल के ब्रोशर में लिखा है, ‘देश में सेना, नौसेना और वायु सेना के अधिकारियों की कमी है। इसकी वजह यह है कि अधिकांश युवा सैन्‍य अधिकारी बनने के मानदंड पर खरे नहीं उतरते हैं। हर राज्य में एक आर्मी स्कूल है जो भारतीय बलों में अधिकारियों की मांग को पूरा करने में सक्षम नहीं है।’

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