नासिक, 7 मई

दशकों से सूखे का सामना करते आ रहे महाराष्ट्र में एक बार फिर पानी के लिए हाहाकार मच गया है। पीटीआई के मुतािक नासिक जिले में जलाशयों में सिर्फ 17 प्रतिशत पानी ही बचा है। यह पिछले साल की तुलना में करीब नौ प्रतिशत कम है। जिला प्रशासन ने पेयजल की मांग को पूरा करने के लिए समूचे जिले में, खासतौर पर, ग्रामीण इलाकों में 250 से ज्यादा टैंकर तैनात किए हैं।

राज्य के जल संसाधन मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री गिरीश महाजन ने स्थिति का जायज़ा लेने के लिए सिन्नर तहसील के सूखा प्रभावित कुछ इलाकों का दौरा किया था। उन्होंने कहा कि जल आपूर्ति के लिए टैंकरों का इस्तेमाल करने और मवेशियों के लिए चारा शिविरों को शुरू करने की जरूरत है।

सिंचाई विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि जिले में करीब 24 बांध हैं जिनमें से छह पिछले साल मानसूनी बारिश कम होने के कारण सूख गए।

उन्होंने बताया, ‘‘ मई के पहले सप्ताह में पानी की कमी महसूस की जा रही है क्योंकि जलाशयों में केवल 17 प्रतिशत पानी ही रह गया है जो पिछले साल की तुलना में करीब नौ फीसदी कम है।’’

उन्होंने बताया कि शहर में पेयजल के मुख्य स्रोतों में से एक गंगापुर बांध में पानी का स्तर काफी गिरा है। जिलाधिकारी कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि स्थिति जुलाई तक गंभीर रह सकती है और अगर मानसून आने में देरी हुई तो पानी की किल्लत और बढ़ेगी। नासिक नगर निगम ने लेागों से सावधानी से पानी का इस्तेमाल करने की गुजारिश की है और पानी बर्बाद करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।

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