रायपुर, 13 मई, 2019

देश में बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है, और कुछ आपराधिक मानसिकता के शातिर लोग इसी कमजोरी को भुनाने में लगे हुए हैं। हाल ही में खबर आई कि लखनऊ में एक बेरोजगार युवक को नौकरी डॉट कॉम की आड़ में ठग लिया गया। लखनऊ निवासी पीड़ित युवक से जालसाजों ने नौकरी डॉट कॉम के नाम से संपर्क किया और दुबई में नौकरी लगाने के नाम पर कई किश्तों में करीब 10 लाख रुपये ऐंठ लिये।

नौकरी डॉट कॉम के नाम पर ठगी करने वाले आरोपी का नाम कुणाल शर्मा बताया गया है। आरोपी ने बेरोजगार युवक को अपनी नौकरी डॉट कॉम द्वारा शॉर्ट लिस्टेड कैंडिडेट बताया। चिकनी-चुपड़ी बातों में उलझा कर युवक को दिल्ली के ओबेरॉय होटल में रुकने और वहीं से दुबई में ज्वॉइनिंग करने के लिए भेजने एवं वीजा आदि देने का झांसा देकर दिल्ली बुला लिया। इसी बीच आरोपी ने कई किश्तों में अलग-अलग चार्जेज के नाम पर पीड़ित से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के जरिए करीब 10 लाख रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करवा लिये।  लेकिन जब युवक लखनऊ से दिल्ली के लिए रवाना होने लगा तो उसने कन्फर्म करने के लिए आरोपी को फोन लगाया, लेकिन जब फोन नहीं लगा और नौकरी डॉट कॉम के लैंडलाइन फोन से भी ये साफ हो गया कि कुणाल शर्मा नाम का कोई कर्मचारी वहां काम नहीं करता है, तब जाकर इस जालसाजी का पता चला।

नौकरी लगाने के नाम पर हो रही इस ठगी का सबसे ज्यादा शिकार छोटे शहरों के कॉलेज से डिग्री लेकर निकलने वाले युवा बन रहे हैं। उनके माता-पिता 4-5 लाख रुपये पढ़ाई पर लगा चुके होते हैं. उनकी अपेक्षा होती है कि बच्चे कुछ बड़ा करें. विदेश खासतौर से खाड़ी देशों में नौकरी के नाम पर खूब धांधली होती है.”

इस साल जनवरी में विजडम जॉब्स के सीईओ अजय कोल्ला को 13 स्टाफ कर्मियों के साथ पुलिस ने गिरफ्तार किया. यह कोई ऐरी-गैरी नहीं, बल्कि अवार्ड विनिंग रिक्रूटमेंट फर्म थी. 2009 से यह परिचालन कर रही थी. इसने फर्जी नौकरी का झांसा देकर 1.04 लाख लोगों से करीब 70 करोड़ रुपये की ठगी की.

सितंबर 2018 में दिल्ली में सात लोगों को हिरासत में लिया गया. इन्होंने ओएनजीसी में नौकरी दिलाने के नाम पर 20 बेरोजगार युवाओं से 2 करोड़ रुपये की ठगी की थी. ये मामले सिर्फ बानगी भर हैं.

पिछले कुछ सालों में बढ़ती बेरोजगारी के बीच इस तरह की घटनाएं बढ़ी हैं. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के अनुसार, अप्रैल 2019 में बेरोजगारी की दर उछलकर 7.6 फीसदी पर पहुंच गई. यह अक्टूबर 2016 से सबसे ज्यादा है. इंटरनेट की आसान उपलब्धता ने इसमें जालसाजों के लिए सोने-पे-सुहागा का काम किया है. ये ठग बेसब्री से नौकरी की तलाश करने वालों को आसानी से उन नौकरियों की पेशकश कर चपत लगा देते हैं जो असलियत में होती ही नहीं हैं.

कैसे किया जाता है फ्रॉड

ज्यादातर जालसाजों के लिए ऑनलाइन जॉब पोर्टल अपने शिकार को खोजने का सबसे बढ़िया जरिया होते हैं. ये इस तरह से लोगों को फांसते हैं:

1. जॉब रिक्रूटमेंट साइट से नौकरी तलाशने वाले की प्रोफाइल निकाली जाती है.
2. जो शिकार बन सकते हैं, उन सभी को बल्क में मेल भेजा जाता है.
3. फ्रॉड करने वाले खुद को जॉब कंसल्टेंट के तौर पर पेश करते हैं. ये अपनी फर्जी वेबसाइट, अस्थायी दफ्तर दिखाते हैं.
4. लोगों से वॉलेट या बैंक ट्रासफर के जरिये रजिस्ट्रेशन फीस जमा करने के लिए कही जाती है.
5. ऑनलाइन या टेलीफोन से इंटरव्यू किया जाता है.
6. फर्जी एपॉइंटमेंट लेटर भेजे जाते हैं.

किसे बनाया जाता है शिकार?
इस तरह के लोगों पर ठगों की होती है नजर:
-टियर 2 या टियर 3 शहरों के युवा
-कम लोकप्रिय कॉलेज या संस्थानों के ग्रेजुएट
-खराब कम्यूनिकेशन स्किल वाले युवा
-0-5 साल का कार्य अनुभव
-20-25 साल की उम्र
-अंग्रेजी लिखने और बोलने में कच्चे
-कम कुशल
-जिन्होंने जॉब पोर्टल पर अप्लाई किया हो

कैसे शिकार बनाते हैं जालसाज?
लोगों को अपना शिकार बनाने के लिए ये ठग अलग-अलग तरीके अपनाते हैं.

ई-मेल : नौकरी देने का रैकेट चलाने वालों के लिए संभवतः यह सबसे आसान तरीका है. हसन कहते हैं, “खुद को फ्रीलांस जॉब कंसल्टेंट के रूप में पेश कर ये Monster, Naukri, TimesJobs और Shine जैसे तमाम जॉब पोर्टल से लोगों की प्रोफाइल तक पहुंच हासिल कर लेते हैं.” इसके बाद ये बल्क में मेल भेजते हैं. अगर ये 5 फीसदी को भी अपना शिकार बनाने में सफल होते हैं तो ठीकठाक पैसा बना लेते हैं. लोगों से सिक्योरिटी डिपॉजिट, इंटरव्यू फीस या अन्य चार्ज के नाम पर पैसा जमा करने के लिए कहा जाता है.

फर्जी वेबसाइट :
लोगों को गुमराह करने के लिए ठग नामचीन कंपनियों, जॉब पोर्टल या सरकारी विभागों की डुप्लीकेट वेबसाइट बनाते हैं. TeamLease Services में सीनियम वाइस प्रेसि‍डेंट नीति शर्मा कहती हैं, “बेवसाइट बनाने के बाद फिर फरेबी इस पर फर्जी नौकरी पोस्ट करते हैं. टेस्ट लिए जाते हैं. रिजल्ट अपलोड किया जाता है. इसी बीच उनसे तरह-तरह की फीस वसूल ली जाती है.”
कैंपस प्लेसमेंट :
कुछ जालसाल छोटे शहरों में जॉब कंसल्टेंट बनकर सीधे कॉलेज या इंस्टीट्यूट के चेयरमैन से संपर्क करते हैं. वे टॉप फॉर्मों में प्लेसमेंट कराने का वादा करते हैं. इसके बदले एकमुश्त बड़ी रकम वसूल लेते हैं. इंटरव्यू से पहले ही ये चंपत हो जाते हैं.

कैसे ठगी से बचें?

सुरक्षित तरीके से नौकरी पाने के लिए इन तरीकों को अपनाया जाना चाहिए.
विश्वसनीय वेबसाइटों पर जाएं :
ज्यादातर कंपनियां अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर नई नौकरियां पोस्ट करती हैं. इस तरह संदेहास्पद मेल की जगह कंपनी के करियर पेज पर जाएं. साइट पर सीधे अप्लाई करें. विदेश में नौकरी के लिए भारत में ‘एजेंटों’ से संपर्क कतई न करें.
जॉब पोजिशन के साथ सीवी पोस्ट करें :
जॉब पोर्टल पर सीवी पोस्ट करते हुए सुनिश्चित कर लें कि उस पर वह पोस्ट लिखी गई हो जिसके लिए आवेदन कर रहे हैं. इसके रेस्पॉन्स में जो भी मेल मिलेगी, उसमें इस पोस्ट का जिक्र होगा.

 

 

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