नई दिल्ली, 3 मार्च 2020
भारत के 5 लोगों में कोरोना वायरस का संक्रमण मिलने के बाद देश में हेल्थ अलर्ट जारी कर दिया गया है। वहीं भारत सरकार ने पैरासिटामॉल समेत दवाएं बनाने में इस्तेमाल होने वाले 26 फॉर्मूलेशन और एक्टिव फार्मास्यूटिकल्स इंग्रीडिएंट्स (एपीआई) के निर्यात पर रोक लगा दी है। चीन समेत अन्य देशों में कोरोनावायरस का संक्रमण बढ़ने की वजह से यह फैसला लिया गया। डायरेक्ट्रेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (डीजीएफटी) ने मंगलवार को इसका नोटिफिकेशन जारी किया। यह तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है।
इन 26 एपीआई, फॉर्मूलेशन के निर्यात पर रोक
- पैरासिटामॉल
- टिनिडेजॉल
- मेट्रोनाइडेजॉल
- एसायक्लोविर
- विटामिन बी1
- विटामिन बी6
- विटामिन बी12
- प्रोजेस्टेरॉन
- क्लोरेमफेनिकॉल
- इरिथ्रोमाइसिन सॉल्ट
- निओमाइसिन
- क्लिंडामाइसिन सॉल्ट
- ऑर्निडेजॉल
- फॉर्मूलेशन मेड ऑफ क्लोरेमफेनिकॉल
- फॉर्मूलेशन मेड ऑफ इरिथ्रोमाइसिन सॉल्ट
- फॉर्मूलेशन मेड ऑफ क्लिंडामाइसिन सॉल्ट
- फॉर्मूलेशन मेड ऑफ प्रोजेस्टेरॉन
- फॉर्मूलेशन मेड ऑफ विटामिन बी1
- फॉर्मूलेशन मेड ऑफ विटामिन बी12
- फॉर्मूलेशन मेड ऑफ विटामिन बी6
- फॉर्मूलेशन मेड ऑफ निओमाइसिन
- फॉर्मूलेशन मेड ऑफ ऑर्निडेजॉल
- फॉर्मूलेशन मेड ऑफ मेट्रोनाइडेजॉल
- फॉर्मूलेशन मेड ऑफ टिनिडेजॉल
- फॉर्मूलेशन मेड ऑफ एसायक्लोविर
- फॉर्मूलेशन मेड ऑफ पैरासिटामॉल
चीन में दवा फैक्ट्रियां बंद होने की वजह से भारत में पैरासिटामॉल 40% महंगी
अमेरिकी मीडिया हाउस ब्लूमबर्ग की पिछले महीने रिपोर्ट के मुताबिक, चीन से सप्लाई रुकने की वजह से भारत में पैरासिटामॉल दवाओं की कीमत 40% बढ़ गई है। जायडस कैडिला के चेयरमैन पंकज आर पटेल का कहना था कि बैक्टीरिया इंफेक्शन के इलाज में इस्तेमाल होने वाली एंटीबायोटिक एजिथ्रोमाइसिन की कीमतें 70% बढ़ गई हैं। पटेल ने कहा था कि मार्च के पहले सप्ताह तक चीन से सप्लाई शुरू नहीं हुई तो पूरी फार्मा इंडस्ट्री में इंग्रीडिएंट्स की कमी हो सकती है। एपीआई के आयात के लिए भारत की चीन पर निर्भरता बहुत ज्यादा है। किसी भी दवा को बनाने के लिए एपीआई सबसे अहम कंपोनेंट हैं।
दुनिया में जेनेरिक दवाओं की आपूर्ति में भारत सबसे बड़ा बाजार
भारत फार्मा इंग्रीडिएंट्स के कई प्रोडक्ट्स का 80% तक चीन से आयात करता है। लेकिन, दुनिया में जेनेरिक दवाओं की आपूर्ति के मामले में भारत सबसे बड़ा बाजार है। अमेरिकी बाजार को ड्रग्स आपूर्ति करने वाली 12% मैन्युफैक्चरिंग साइट्स भारत में हैं।