रायपुर, 21 जनवरी 2020

राजनांदगांव जिले में 11 साल पहले हुए मदनवाड़ा नक्सली हमले को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछली रमन सरकार पर जमकर भड़ास निकाली है। भूपेश बघेल ने कहा कि मदनवाड़ा नक्सली हमले की भाजपा ने जांच तक नहीं कराई, उल्टा जिन अफसरों ने कुछ नहीं किया उन्हें गैलैंट्री अवॉर्ड तक दे डाला।

भूपेश बघेल ने भाजपा की करनी और कथनी पर सवाल  खड़े करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी 2018 को हुई आतंकी घटना की कौन से जांच हो गई है। पुलवामा में सीआरपीएफ के 44 जवान शहीद हो गए। साल बीत गया लेकिन पुलवामा में 350 किलो आरडीएक्स कैसे पहुंचा इसे लेकर भाजपा की केन्द्र सरकार अभी तक जांच नहीं करा पाई है। उन्होंने कहा कि पकड़ा गया डीएसपी देवेंद्र सिंह उस समय पुलवामा में ही पदस्थ था और अभी तक उस पर देशद्रोह का अपराध दर्ज नहीं हुआ है। कम से कम ये तो देश को बताना चाहिए कि वहां आरडीएक्स लेकर पहुंचने वाले कौन लोग थे।

भूपेश ने प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के बीच तालमेल नहीं होने को लेकर भी सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि दोनों अलग-अलग राग अलाप रहे हैँ। CAA पर कोई कुछ कह रहे हैं… NRC में कुछ कह रहे हैं….NPR में कुछ कह रहे हैं….. प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के बयान अलग-अलग है। ऐसे समय में डीएसपी देवेंद्र का पकड़ा जाना और फिर उसको तत्काल NIA को क्यों सौंपा गया। NIA गृह मंत्रालय के आधीन है और जम्मू कश्मीर पुलिस भी गृह मंत्रालय के अधीन है। ऐसे में अपनी पुलिस पर विश्वास नहीं करना यह तो पुलिस के मनोबल को ना केवल हतोत्साहित कर रहा है बल्कि सवाल भी खड़ा हो रहा है कि आखिर इसको आनन-फानन में NIA को क्यों सौंपा गया है? क्या राज है? जिसको छुपाना चाहते हैं? हम लोग शुरू से कह रहे हैं कि पुलवामा के जो घटना है उसमें बड़ा षड्यंत्र हुआ है और अब जब यह पकड़ा गया है तो पकड़े जाने के बाद इसको जिस प्रकार से एनआईए को दिया गया है यह बहुत सारे सवाल खड़े हो रहे हैं”

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