रायपुर, 17 मई,2019
भिलाई के बहुचर्चित मिक्की मेहता हत्याकांड में जल्द ही निलंबित पुलिस अफसर मुकेश गुप्ता पर शिकंजा कसा जा सकता है. खबर है कि डीजी गिरधारी नायक ने पूरे मामले की जांच लगभग पूरी कर ली है. इस मामले में अब तक पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर, पूर्व पुलिस महानिदेशक रामनिवास, सेवानिवृत पुलिस अफसर डीएस वर्मा, जगत विजन पत्रिका की संपादक विजया पाठक, मिक्की मेहता की मां श्यामा मेहता, भाई माणिक मेहता एवं उनके परिजनों सहित अन्य कई का बयान दर्ज किया जा चुका है. हालांकि यह अभी साफ नहीं है कि किसने क्या बयान दिया है, लेकिन प्रशासनिक हल्कों में यह चर्चा है कि सभी पक्षों ने इस प्रकरण को आत्महत्या के बजाय आत्महत्या के लिए प्रेरित करने वाला माना है. इधर मिक्की मेहता की मृत्यु प्रकरण से संबंधित डायरी जो काफी समय से गुम हो गई थीं वह मिल गई है. पुलिस को यह मर्ग डायरी जिला अदालत में मिली है. इसमें मिक्की मेहता की मौत से संबंधित कई तथ्यात्मक दस्तावेज संलग्न है जो मुकेश गुप्ता के लिए मुसीबत का सबब हो सकते हैं.
गौरतलब है कि आईपीएस मुकेश गुप्ता ने अपनी पहली पत्नी के रहते हुए भी मिक्की मेहता से दूसरा विवाह किया था, लेकिन नौकरी जाने के भय से वे इस मामले को छिपाकर रखना चाहते थे. वर्ष 2001 में जब मिक्की मेहता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई तब उनके परिजनों ने साफ तौर पर यह आरोप लगाया था कि मिक्की ने आत्महत्या नहीं की बल्कि उसकी हत्या की गई है. परिजनों की शिकायत के बाद हल्के-पुल्के स्तर पर जांच चलती रही. पूर्व पुलिस महानिदेशक रामनिवास ने इस मामले की जांच में यह मान लिया था कि मुकेश गुप्ता ने मिक्की मेहता से गंधर्व विवाह किया था जो कदाचरण की श्रेणी में आता है.
नियमानुसार काफी पहले ही मुकेश गुप्ता को नौकरी से हाथ धोना पड़ जाता, लेकिन वे रमन सिंह के कार्यकाल में बचते रहे और संविदा में पदस्थ सुपर सीएम का सहारा लेकर लगातार पावरफुल भी होते गए. इधर नई सरकार के गठन के बाद जब पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने नए सिरे से शिकायत की तो जांच का जिम्मा वरिष्ठ पुलिस अफसर गिरधारी नायक को सौंपा. खबर है कि नायक जल्द ही सरकार को रिपोर्ट सौंप देंगे.