जयपुर: गर्मी ने राजधानी जयपुर सहित प्रदेश के पर्यटन उद्योग की कमर तोड़ दी है. चढ़ते पारे के चलते न केवल विदेशी वरन घरेलू पर्यटकों ने भी अपने टूर कैंसिल कर दिए हैं और जो पर्यटक आ रहे हैं वे गर्मी से बेहाल नजर आ रहे हैं. पिछले एक महीने में ही सैलानियों की संख्या में 50 से 70 फीसदी तक की कमी दर्ज की गई है. आशंका है कि मई अंत तक पर्यटकस्थलों पर गर्मी का कर्फ्यू लगा दिखाई देगा

प्रदेश में गर्मी के तीखे तेवर

राजधानी जयपुर सहित पूरे प्रदेश में इन दिनों पर्यटकस्थलों पर सूनापन दिखाई देता है. गर्मी के तीखे तेवर पर्यटन उद्योग पर भारी पड़ रहे हैं. पिछले कुछ वर्षों से तुलना करें तो इस वर्ष 15 मई तक पिछले 5 वर्षों के सबसे कम पर्यटक जयपुर आए हैं. हालांकि पिछले पांच वर्षों में प्रदेश के पर्यटक स्थलों पर आधारभूत सुविधाओं का काफी विकास हुआ है, लेकिन गर्मी से निजात दिलाने में ये सभी नाकाफी सिद्ध हो रहे हैं. वैसे प्रदेश में सितंबर से अप्रेल को पर्यटक सीजन माना जाता है, लेकिन इस बार गर्मी ने होली बाद से अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए थे. विश्व विरासत में शुमार आमेर महल को देखने प्रदेश में सर्वाधिक पर्यटक आते हैं. इसके बाद रणथंभौर, उदयपुर और जोधपुर का नंबर आता है. इस बार गर्मी का आलम यह है कि 1 अप्रेल को आमेर आने वाले पर्यटकों की संख्या 4700 से ज्यादा थी जो 15 मई आते आते दो हजार तक आ गई है. ट्रेवल ट्रेड को आशंका है कि गर्मी ज्यादा बढ़ी तो इस बार प्रदेश में मई जून में पर्यटकों की संख्या में सर्वकालीन कमी आ सकती है.
प्रदेश में गर्मी के तीखे तेवर, पावणों का छूटा पसीना

पर्यटन विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो मई और जून में पर्यटकों की संख्या काफी कम रहती है, लेकिन इस बार गर्मी ने मार्च में तेवर बदले और पारा चढ़ने लगा. इससे पर्यटकों की संख्या में कमी आती चली गई. प्रदेश में मार्च तक जहां रोजाना 30 से 35 हजार तक पर्यटक आ रहे थे, वो अप्रेल शुरू होते ही 15 से 20 हजार तक रह गए और 15 मई तक 12-13 हजार पर आ गई. राजधानी जयपुर की बात करें तो मार्च में रोजाना पर्यटकों की संख्या औसतन 10 हजार तक थी व पिछले 15 दिन में घटकर डेढ़ से दो हजार के स्तर पर आ गई है. स्मारकों पर पर्यटकों के लिए छाया पानी की कोई खास व्यवस्था नहीं है. कम बजट वाले घरेलू पर्यटकों को सबसे ज्यादा समस्या हो रही है. स्मारकों पर पीने का पानी व रेस्टोरेंट में खाना बहुत ज्यादा महंगा है. विदेशी पर्यटक तो इतनी गर्मी में ज्यादा परेशान नजर आए. यूरोपीय और अमेरिकी देशों से आने वाले पर्यटक इतनी गर्मी के आदि नहीं हैं. जो विदेशी पर्यटक इन दिनों प्रदेश में हैं, वे भी ट्यूर को बीच में ही कैंसिल कर स्वदेश लौट रहे हैं.
राजस्थान में दो तीन महीने रहेगी पर्यटकों की कमी

ट्रेवल ट्रेड का मानना है कि जून में पर्यटक संख्या 20 फीसदी तक सिमट सकती है और मानूसन बाद ही इसमें वृद्धि संभव है. समारकों और अन्य पर्यटकस्थलों पर जिस तरह गर्मी से पर्यटक परेशान नजर आ रहे हैं. उससे एक बात तो स्पष्ट है कि आने वाले दो तीन महीने सैलानियों को राजस्थान आने से रोकेंगे. बेहतर होगा अब पर्यटन विभाग के सतर पर गर्मी में हिल स्टेशनों की तर्ज पर पर्यटक सविधाओं के विकास के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे

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